
दिल्ली सरकार की नई पहल: वरिष्ठ नागरिकों के लिए "आयुष्मान वय वंदना" योजना का शुभारंभ
दिल्ली सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत के तौर पर "आयुष्मान वय वंदना" योजना की शुरुआत की है, जो राजधानी के बुजुर्गों को व्यापक स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करने का वादा करती है। इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार को ₹10 लाख तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा मिलेगा, जिससे गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाओं तक पहुंच काफी हद तक आसान हो जाएगी। इस सप्ताह की शुरुआत में घोषित इस पहल का मुख्य उद्देश्य उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाना है, जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं। "आयुष्मान वय वंदना" योजना मौजूदा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) पर आधारित है, लेकिन इसमें बुजुर्गों की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त लाभ जोड़े गए हैं।
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क्या आपका ब्लड ग्रुप बताता है कि आप कितने बुद्धिमान हैं? जानिए दिल जीतने वाले खास लोगों के बारे में
क्या खून के प्रकार से किसी की बुद्धिमत्ता और स्वभाव का अंदाज़ा लगाया जा सकता है? हाल के अध्ययनों और सांस्कृतिक मान्यताओं के अनुसार, कुछ ब्लड ग्रुप्स वाले लोग न केवल भावनात्मक रूप से मजबूत होते हैं, बल्कि तनावपूर्ण परिस्थितियों में भी बेहद शांत और समझदार निर्णय लेने में सक्षम होते हैं। खासकर AB+ और O+ ब्लड ग्रुप वाले लोगों को गहरी सोच, शानदार निर्णय शक्ति और दूसरों को समझने की अद्भुत क्षमता के लिए जाना जाता है। जापान जैसे देशों में तो यह विश्वास इतना मजबूत है कि ब्लड ग्रुप के आधार पर नौकरी और रिश्तों में भी प्राथमिकता दी जाती है।

पुणे में GBS का प्रकोप: तेजी से मांसपेशियों का फेल होना बढ़ा चिंता, डॉक्टरों ने बताया क्यों हर मामला है अलग
पुणे में गिलेन-बारे सिंड्रोम (GBS) के मामलों में तेजी से मांसपेशियों के फेल होने की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे स्वास्थ्य विशेषज्ञों में चिंता बढ़ गई है। कुछ मरीजों में इस बीमारी की प्रगति असामान्य रूप से तेज हो रही है, जो काफी खतरनाक साबित हो रही है। डॉक्टरों का कहना है कि हर मरीज का मामला अलग है, और GBS के लक्षणों की गंभीरता भी व्यक्ति-व्यक्ति पर निर्भर करती है, जो इसे और जटिल बना देता है।

पीएम मोदी ने बताया साल में 300 दिन खाते हैं मखाना, जानिए आपको भी क्यों इसे अपने आहार में शामिल करना चाहिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मखाने की महत्ता पर जोर देते हुए इसके वैश्विक उत्पादन की अपील की है। पीएम मोदी ने खुलासा किया कि वे साल के लगभग 300 दिन मखाना खाते हैं। मखाना पोषण से भरपूर होता है और सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो वजन घटाने से लेकर हृदय स्वास्थ्य तक कई लाभ प्रदान करते हैं। इसे अपनी डाइट में शामिल करना आपकी सेहत के लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।

'कैंसर का इलाज सिर्फ बड़े अस्पतालों तक सीमित नहीं रहना चाहिए': कैसे टाटा कैपिटल-समर्थित MOC डेकेयर पर कर रहा है दांव
डॉ. क्षितिज जोशी और डॉ. वशिष्ठ मणियार, MOC के दो ऑन्कोलॉजिस्ट से सह-संस्थापक बने 2018 से, MOC ने 4.5 लाख से अधिक मरीजों का इलाज किया है, जो बड़े अस्पतालों के बजाय डेकेयर सेंटर्स में इलाज को प्राथमिकता दे रहा है।

"एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट: क्या यह वाकई स्वास्थ्य के लिए चमत्कारी है?"
इन दिनों एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट काफी चर्चा में है, जिसका दावा है कि यह शरीर की सूजन को कम करने में मदद कर सकती है। पोषक तत्वों से भरपूर यह आहार शरीर में सूजन से लड़ने का वादा करता है, लेकिन क्या यह सच में अपने दावों पर खरा उतरता है? आइए जानें पोषण विशेषज्ञों से इसके फायदे और सच्चाई।

अब दिमाग़ से सीधे टेक्स्ट में बदल सकेंगे विचार
टेक्सास विश्वविद्यालय, ऑस्टिन के शोधकर्ताओं ने एक नई एआई-संचालित ब्रेन डिकोडर तकनीक विकसित की है, जो न्यूनतम प्रशिक्षण और एक साधारण ब्रेन स्कैन के माध्यम से विचारों को पाठ में बदल सकती है। यह तकनीक विशेष रूप से भाषा विकारों जैसे अफ़ेज़िया से पीड़ित लोगों के लिए उपयोगी साबित हो सकती है।