
सावन में शिवजी की कथा: जब भोलेनाथ ने अपनी जटाओं में समाई गंगा
सावन का पावन महीना शिवभक्तों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यह समय भगवान शिव की भक्ति, तपस्या और उनकी दिव्य लीलाओं को याद करने का होता है। ऐसे ही एक प्रसंग में भगवान शिव की करुणा, शक्ति और उनकी भक्तों के प्रति अपार स्नेह की झलक मिलती है—जब उन्होंने उग्रगति से बहती गंगा को अपनी जटाओं में रोककर धरती पर धीरे-धीरे प्रवाहित किया। पुराणों के अनुसार, जब राजा भगीरथ ने अपने पूर्वजों की मुक्ति के लिए माँ गंगा को पृथ्वी पर लाने का संकल्प लिया, तो गंगा जी अपनी तेज़ धारा से पूरी पृथ्वी को बहा ले जाने के लिए तत्पर थीं। इस संकट को भांपते हुए राजा भगीरथ ने भगवान शिव से प्रार्थना की कि वे गंगा को अपनी जटाओं में समाहित कर लें। भोलेनाथ ने भक्त की पुकार सुनी और अपनी विशाल जटाओं में गंगा को समेट लिया। गंगा जी की उग्र धारा जब शिव की जटाओं में समाई, तो वह शांत हो गई और फिर धीरे-धीरे पृथ्वी पर उतरी। यही वह क्षण था जब भगवान शिव ने न केवल एक राजा की तपस्या का सम्मान किया, बल्कि समस्त सृष्टि को विनाश से बचाया।
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एसवीपी कॉलेज भभुआ में "एडवांस इन ड्रग डेवलपमेंट" पर एक दिवसीय संगोष्ठी का भव्य आयोजन
कैमूर जिले के भभुआ स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल महाविद्यालय में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन बड़े उत्साह और गरिमा के साथ किया गया। रसायन शास्त्र विभाग और बायोटेक्नोलॉजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में जीव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT), नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित और आंशिक रूप से अनुदानित इस कार्यक्रम का विषय था "एडवांस इन ड्रग डेवलपमेंट"। संगोष्ठी का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुआ, जिसके बाद महाविद्यालय की छात्राओं ने कुलगीत की सुंदर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग से प्रो. विनोद कुमार तिवारी और दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय, गया से डॉ. महेंद्र खतरावथ ने शिरकत की। दोनों विशेषज्ञों ने ड्रग डेवलपमेंट के नवीनतम आयामों, शोध कार्यों और चिकित्सा क्षेत्र में इसकी अहमियत पर विस्तार से प्रकाश डाला।

एसवीपी कॉलेज भभुआ में "एडवांस इन ड्रग डेवलपमेंट" पर एक दिवसीय संगोष्ठी का सफल आयोजन
कैमूर जिले के भभुआ स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल महाविद्यालय में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन जीव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT), नई दिल्ली के सहयोग और आंशिक अनुदान से किया गया। रसायन शास्त्र और बायोटेक्नोलॉजी विभाग के संयुक्त प्रयास से आयोजित इस कार्यक्रम में "एडवांस इन ड्रग डेवलपमेंट" विषय पर गहन विमर्श हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और कुलगीत की मधुर प्रस्तुति से हुई, जिससे माहौल बेहद ऊर्जावान बन गया। इस संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी से प्रो. विनोद कुमार तिवारी और दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय, गया से डॉ. महेंद्र खतरावथ ने अपने विचार और विशेषज्ञता साझा की। दोनों वक्ताओं ने ड्रग डेवलपमेंट के नवीनतम शोध, चुनौतियाँ और भविष्य की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की। छात्रों और शिक्षकों के बीच विषय को लेकर गहरी रुचि और उत्साह देखने को मिला।

"डॉ. भीम राव अंबेडकर की प्रेरणादायक यात्रा: एक समाज सुधारक और भारतीय संविधान के निर्माता"
डॉ. भीम राव अंबेडकर, जिन्हें स्नेहपूर्वक बाबासाहेब के नाम से जाना जाता है, 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू नामक छोटे से नगर में जन्मे थे। वे महार जाति के एक ऐसे परिवार में जन्मे थे, जिसे उस समय समाज में भयंकर भेदभाव का सामना करना पड़ता था और जिसे 'अछूत' माना जाता था। बावजूद इसके, अंबेडकर के पिता, सूबेदार रामजी, ने यह सुनिश्चित किया कि उनके बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त करें। उन्होंने सैन्य परिवारों को दी जाने वाली सुविधाओं का पूरा लाभ उठाया और अपने बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया। यह प्रेरणा उन्हें न केवल व्यक्तिगत संघर्षों से जूझने की ताकत देती थी, बल्कि भारतीय समाज में समानता, न्याय और अधिकारों की स्थापना के लिए उनका मार्गदर्शन भी करती थी।

रेशा थदानी का चमचमाता बैंगनी मिनी ड्रेस पार्टी की जान बन गया
हाल ही में एक इवेंट में रेशा थदानी ने अपनी आकर्षक और फैशनेबल उपस्थिति से सबका ध्यान खींचा। उन्होंने एक इलेक्ट्रिक बैंगनी मिनी ड्रेस पहनी, जिसमें एक ट्रेंडी काउल नेकलाइन थी, जो उनके लुक को और भी स्टाइलिश बना रही थी। इस ड्रेस के साथ रेशा ने अपनी लड़की-आगे वाली खूबसूरती को बखूबी उभारा। ड्रेस की चमक और डिजाइन ने उन्हें पार्टी की स्टार बना दिया, और उनका लुक एक परफेक्ट पार्टी स्टार्ट करने वाला था। रेशा का यह अंदाज न केवल फैशन के प्रति उनकी समझ को दिखाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि सिम्पल और ट्रेंडी फैशन का बेहतरीन मिश्रण कैसे किया जा सकता है।

श्रुति हासन का फैशन वापसी: ऑनलाइन फैशन कैंपेन में दिखा उनका दमदार अंदाज
श्रुति हासन ने हाल ही में एक ऑनलाइन फैशन कैंपेन के लिए शानदार फैशन वापसी की। इस फोटोशूट में उन्होंने ग्रे लेदर की टाइट पैंट्स और ओवरसाइज क्रॉप टॉप पहना, जो उनके लुक को एक परफेक्ट मिश्रण बना रहा था – एक ओर स्ट्रक्चर्ड और दूसरी ओर अट्टीट्यूड से भरा। आउटफिट के जिपर डिटेल्स, वॉल्यूमिनस स्लीव्स और ओवरसाइज कॉलर्स ने उनके लुक को एक आत्मविश्वास से भरी हुई छवि दी, जो न तो ज्यादा कोशिश करती हुई दिख रही थी, और न ही ज्यादा साधारण। श्रुति का यह फैशन लुक न केवल उनके कूल और कंटेम्परेरी स्टाइल को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे ट्रेंडी और मजबूत फैशन का मेल उनकी अद्वितीय शैली को और भी खास बनाता है।

वर्ल्ड हीमोफिलिया डे 2025: योग निद्रा और माइंडफुलनेस से हीमोफिलिया का प्रबंधन कैसे करें
वर्ल्ड हीमोफिलिया डे 2025 के अवसर पर, यह समझना महत्वपूर्ण है कि हीमोफिलिया के साथ जीना न केवल शरीर पर असर डालता है, बल्कि मानसिक स्थिति पर भी गहरा प्रभाव डालता है, जिससे तनाव और चिंता जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। जबकि चिकित्सा उपचार लक्षणों का प्रबंधन करता है, मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण है। योग निद्रा और माइंडफुलनेस जैसी प्राचीन तकनीकें इस प्रक्रिया में सहायक हो सकती हैं। ये विधियाँ न केवल मानसिक शांति और तनाव में कमी लाने में मदद करती हैं, बल्कि शरीर के भीतर ऊर्जा का संचार भी करती हैं, जिससे हीमोफिलिया से जूझने वाले व्यक्तियों को शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। इन प्रैक्टिसेज के माध्यम से, व्यक्ति मानसिक और शारीरिक दोनों ही दृष्टिकोण से स्वस्थ और सशक्त महसूस कर सकते हैं।