AI पर वैश्विक न्यायालयों की सख्त चेतावनी: पेशेवरों के लिए अनिवार्य होगी मानवीय सत्यापन प्रक्रिया22 Jul 25

AI पर वैश्विक न्यायालयों की सख्त चेतावनी: पेशेवरों के लिए अनिवार्य होगी मानवीय सत्यापन प्रक्रिया

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते इस्तेमाल के बीच, विश्व के कई न्यायालयों ने एक सख्त और निर्णायक संदेश जारी किया है – AI के प्रयोग के साथ मानवीय सत्यापन अब अनिवार्य होगा। ब्रिटेन की एक ऐतिहासिक अदालत के फैसले ने इस दिशा में पहली बड़ी पहल की है, जिसमें कहा गया कि किसी भी पेशेवर कार्य में यदि AI का सहारा लिया जाता है, तो उसे मानव द्वारा प्रमाणित और सत्यापित किया जाना अनिवार्य है। यह फैसला अब अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) में भी कानूनी बहसों को नई दिशा दे रहा है और इससे वैश्विक पेशेवर प्रणाली में गहरे बदलाव की संभावना बन गई है। अदालतों ने विशेष रूप से वकीलों, डॉक्टरों, शिक्षकों, वित्तीय सलाहकारों और टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए चेतावनी दी है कि बिना मानवीय निगरानी के AI का उपयोग नैतिक और कानूनी रूप से खतरनाक हो सकता है। यह रुख ऐसे समय में सामने आया है जब कई कंपनियां अपनी सेवाओं और दस्तावेजों को तेज़ और सस्ते ढंग से तैयार करने के लिए जनरेटिव AI पर अत्यधिक निर्भर हो गई हैं।

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22 Jul 25

मानव बुद्धि से आगे निकलेगा AI? Meta ने लॉन्च किया ‘Superintelligence Labs’

तकनीकी दुनिया में एक बड़ी छलांग लगाते हुए Meta Platforms ने आधिकारिक रूप से ऐसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है, जो मानव बुद्धि से भी अधिक सक्षम हो। कंपनी ने अपनी नई रिसर्च इकाई Meta Superintelligence Labs की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य अत्याधुनिक AI मॉडल तैयार करना है जो तर्क, निर्णय क्षमता और समस्या समाधान जैसे क्षेत्रों में मानव क्षमताओं को पीछे छोड़ दें। Meta के सीईओ मार्क ज़ुकरबर्ग ने इस महीने इस महत्वाकांक्षी पहल की पुष्टि की। उनका कहना है कि यह लैब ऐसी सुपरइंटेलिजेंस विकसित करने पर केंद्रित होगी जो न केवल मौजूदा जनरेटिव AI से बेहतर हो, बल्कि लॉजिकल रीजनिंग और कॉम्प्लेक्स डिसीजन मेकिंग जैसे क्षेत्रों में इंसानों से कहीं अधिक दक्ष हो। इस घोषणा को AI के भविष्य को परिभाषित करने वाली सबसे साहसिक पहलों में से एक माना जा रहा है। Meta का मानना है कि सुपरइंटेलिजेंस ही अगली तकनीकी क्रांति का आधार होगी — ठीक वैसे ही जैसे इंटरनेट और मोबाइल कंप्यूटिंग ने पिछली क्रांतियों की नींव रखी थी।

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"Elon Musk का नया तंज: Sam Altman और Jony Ive को 'Kiss Cam' मीम के ज़रिए बनाया निशाना"21 Jul 25

"Elon Musk का नया तंज: Sam Altman और Jony Ive को 'Kiss Cam' मीम के ज़रिए बनाया निशाना"

एलन मस्क एक बार फिर चर्चा में हैं, इस बार अपने मीम गेम को लेकर। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के मालिक मस्क ने OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन और दिग्गज डिजाइनर जोनी आइव पर मीम के ज़रिए तंज कसा है। उन्होंने एक वायरल 'किस कैम' वीडियो की मदद से दोनों को लेकर मज़ाकिया अंदाज़ में पोस्ट किया है। यह मीम ऐसे वक्त आया है जब खबरें तेज़ हो रही हैं कि Altman और Ive एक नई AI हार्डवेयर डिवाइस पर मिलकर काम कर सकते हैं। मस्क, जो पहले भी OpenAI और Altman पर तीखे शब्दों का इस्तेमाल कर चुके हैं, इस मीम के ज़रिए शायद इस संभावित साझेदारी को हल्के-फुल्के लेकिन व्यंग्यात्मक अंदाज़ में प्रतिक्रिया दे रहे हैं। मस्क का यह अंदाज़ एक बार फिर साबित करता है कि तकनीकी दुनिया में कॉम्पिटीशन के साथ-साथ सोशल मीडिया जंग भी कम दिलचस्प नहीं होती।

"Elon Musk की xAI ला रही है बच्चों के लिए 'Baby Grok', सुरक्षित और शैक्षणिक चैटबॉट का वादा"21 Jul 25

"Elon Musk की xAI ला रही है बच्चों के लिए 'Baby Grok', सुरक्षित और शैक्षणिक चैटबॉट का वादा"

एआई की दुनिया में एक नया और दिलचस्प कदम सामने आया है। एलन मस्क की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी xAI ने 'Baby Grok' नामक एक खास चैटबॉट के विकास की पुष्टि की है, जिसे खास तौर पर बच्चों के लिए डिजाइन किया जा रहा है। यह नया वर्जन कंपनी के प्रमुख एआई मॉडल Grok का हल्का और बाल-मित्र रूप होगा, जिसे सुरक्षित, शैक्षणिक और बच्चों के लिए उपयुक्त इंटरफेस के साथ तैयार किया जा रहा है। यह कदम उन चिंताओं के बाद उठाया गया है जो मौजूदा एआई टूल्स के वयस्क-केंद्रित कंटेंट को लेकर जताई गई थीं। xAI का दावा है कि 'Baby Grok' बच्चों को ज्ञान बढ़ाने, रचनात्मक सोच सिखाने और तकनीक से सुरक्षित तरीके से जुड़ने का एक शानदार माध्यम बनेगा। अब देखना ये है कि क्या यह चैटबॉट सच में बच्चों की डिजिटल दुनिया में भरोसेमंद साथी बन पाएगा।

एलन मस्क ने किया 'बेबी ग्रोक' का ऐलान: बच्चों के लिए xAI का नया एआई प्रोजेक्ट20 Jul 25

एलन मस्क ने किया 'बेबी ग्रोक' का ऐलान: बच्चों के लिए xAI का नया एआई प्रोजेक्ट

टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी xAI के एक नए प्रोजेक्ट की घोषणा की है, जिसका नाम है “बेबी ग्रोक”। यह एक बच्चों के लिए अनुकूल AI एप्लिकेशन होगा। मस्क ने इस घोषणा को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक संक्षिप्त पोस्ट के ज़रिए किया, जो उनकी शैली के अनुसार काफी रहस्यमयी रहा। हालांकि उन्होंने इस प्रोजेक्ट के विशेष फीचर्स, लक्ष्य आयु वर्ग, या लॉन्च डेट के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की। इस ऐलान ने टेक जगत और पैरेंटिंग कम्युनिटी में जबरदस्त उत्सुकता जगा दी है। कई लोग अनुमान लगा रहे हैं कि यह AI टूल बच्चों के लिए शिक्षा, रचनात्मकता, या डिजिटल सेफ्टी से जुड़ा हो सकता है। गौरतलब है कि xAI ने हाल ही में अपना AI चैटबॉट “Grok” लॉन्च किया था, जो X प्लेटफॉर्म पर मौजूद है। अब “Baby Grok” के ज़रिए कंपनी संभवतः बच्चों के लिए एक सुरक्षित और मनोरंजक AI अनुभव तैयार करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। अब देखना होगा कि मस्क का यह अगला कदम AI और बच्चों की डिजिटल दुनिया को किस तरह से नया आकार देता है।

PLI के आगे की राह: भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षेत्र अब टिकाऊ विकास की ओर बढ़ता20 Jul 25

PLI के आगे की राह: भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षेत्र अब टिकाऊ विकास की ओर बढ़ता

भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज (EMS) क्षेत्र, जिसे कभी सरकार की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम ने जबरदस्त रफ्तार दी थी, अब एक नए मोड़ पर खड़ा है। जैसे-जैसे इस योजना के प्रारंभिक लाभ परिपक्व हो रहे हैं, उद्योग विशेषज्ञों और विश्लेषकों की राय है कि अगला विकास चरण सरकारी सब्सिडी पर नहीं, बल्कि नवाचार और विविधीकरण पर आधारित बाजार-प्रेरित रणनीतियों से आगे बढ़ेगा। अब आवश्यकता है ऐसे स्थायी मॉडल की, जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बन सके और भारत को डिजिटल अर्थव्यवस्था में एक अग्रणी निर्माता बनाए। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर भारत को अपने EMS सेक्टर को वैश्विक मानचित्र पर टिकाए रखना है, तो उसे R&D, डिज़ाइन क्षमताओं, कौशल विकास और घरेलू मांग में विस्तार जैसे क्षेत्रों में निवेश बढ़ाना होगा। इस परिवर्तनकारी दौर में नीति निर्माताओं और कंपनियों – दोनों की भूमिका अहम है। PLI के बाद की दुनिया में भारत को मात्र विनिर्माण हब नहीं, बल्कि इनोवेशन का केंद्र बनना होगा – और यही टिकाऊ विकास की असली पहचान होगी।

काले लेदर जैकेट वाला आदमी: कैसे जेनसन हुआंग ने NVIDIA को एआई क्रांति का अगुवा बना दिया20 Jul 25

काले लेदर जैकेट वाला आदमी: कैसे जेनसन हुआंग ने NVIDIA को एआई क्रांति का अगुवा बना दिया

सिलिकॉन वैली के कॉरपोरेट वातावरण में जहाँ अधिकतर CEO औपचारिक सूट और शांत व्यवहार में नजर आते हैं, वहीं NVIDIA के सह-संस्थापक और CEO जेनसन हुआंग अपनी पहचान अलग अंदाज़ में बनाते हैं — अपने काले लेदर जैकेट और आत्मविश्वास से भरे व्यक्तित्व के साथ। लेकिन उनका अंदाज़ ही नहीं, बल्कि उनकी दूरदर्शिता और तकनीकी समझ ने NVIDIA को एक गेमिंग हार्डवेयर कंपनी से बदलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की वैश्विक शक्ति बना दिया है। आज, NVIDIA के चिप्स और ग्राफिक्स प्रोसेसर केवल गेमिंग पीसी में नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर डेटा सेंटर्स, ऑटोनॉमस व्हीकल्स, हेल्थकेयर रिसर्च और जनरेटिव एआई मॉडल्स के दिल में धड़कते हैं। जेनसन हुआंग की अगुआई में कंपनी ने AI की तेजी से बढ़ती दुनिया में खुद को एक ऐसा स्तंभ बना लिया है जिस पर अगली तकनीकी क्रांति टिकी हुई है। हुआंग की नेतृत्व शैली, तकनीकी विज़न और उद्योग के बदलते ट्रेंड्स को पकड़ने की क्षमता ने उन्हें सिलिकॉन वैली के सबसे प्रभावशाली और सम्मानित नेताओं में शामिल कर दिया है। NVIDIA अब सिर्फ एक चिप निर्माता नहीं, बल्कि एक ऐसी टेक दिग्गज है जो भविष्य की दिशा तय कर रही है — और इस सफर का चेहरा है वही आदमी जो हर बड़े इवेंट में अपने लेदर जैकेट में नज़र आता है।

साप्ताहिक टेक रीकैप: एयरटेल यूज़र्स को फ्री मिला Perplexity Pro, ChatGPT Agent लॉन्च और भी बहुत कुछ20 Jul 25

साप्ताहिक टेक रीकैप: एयरटेल यूज़र्स को फ्री मिला Perplexity Pro, ChatGPT Agent लॉन्च और भी बहुत कुछ

इस हफ्ते टेक जगत में कई बड़ी घोषणाएं देखने को मिलीं। OpenAI, Perplexity, OnePlus, DuckDuckGo और Netflix जैसी कंपनियों ने कुछ अहम अपडेट्स साझा किए। इनमें से सबसे बड़ी खबर रही Airtel यूज़र्स को Perplexity Pro का मुफ्त एक्सेस, OpenAI का ChatGPT Agent का लॉन्च, और OnePlus का नया फीचर रोलआउट। आइए डालते हैं एक नजर इस हफ्ते की सबसे बड़ी टेक खबरों पर।

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30 Jul 2025