
Elon Musk की xAI ने लॉन्च किया Grok-1.5 Vision, अब AI समझेगी विज़ुअल इनपुट
एलोन मस्क की एआई कंपनी xAI ने अपने Grok चैटबॉट का अपग्रेडेड वर्शन Grok-1.5 Vision लॉन्च किया है, जो अब विज़ुअल जानकारी को प्रोसेस और इंटरप्रेट करने में सक्षम है। यह कदम xAI के लिए मल्टीमोडल एआई की दुनिया में पहला प्रवेश है और इसे OpenAI, Google और Anthropic जैसे प्रतिस्पर्धियों के करीब लाता है। Grok-1.5V अब दस्तावेज़, डायग्राम, चार्ट, स्क्रीनशॉट और फ़ोटोग्राफ़ जैसी विज़ुअल इनपुट्स को भी समझ सकता है, इसके साथ ही यह टेक्स्ट-आधारित क्षमताओं को भी बनाए रखता है। यह अपग्रेड वास्तविक दुनिया में कई उपयोगिता प्रदान करता है, जैसे फ्लोचार्ट को कोड में बदलना, बच्चों की ड्राइंग से कहानियाँ बनाना, या जटिल मीम्स की व्याख्या करना। इस लॉन्च के साथ xAI ने AI क्षमताओं को और व्यापक बनाकर बहुआयामी इंटरैक्शन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
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एप्पल ने बेंगलुरु में 10 साल के लिए ऑफिस फ्लोर लीज़ पर लिए, सौदा 1,010 करोड़ रुपये का
तकनीकी दिग्गज एप्पल ने भारत में अपने विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने बेंगलुरु में लंबे समय के लिए ऑफिस स्पेस लीज़ पर लिया है। यह सौदा कुल 1,010 करोड़ रुपये (लगभग 135 मिलियन डॉलर) का है और 10 साल की अवधि के लिए तय किया गया है। जानकारी के अनुसार, एप्पल ने यह ऑफिस स्पेस एम्बेसी ज़ेनिथ, संके रोड, वसंत नगर, बेंगलुरु में लिया है। कंपनी हर महीने करीब 6.31 करोड़ रुपये किराए के रूप में चुकाएगी, जो प्रति वर्ग फुट लगभग 235 रुपये बैठता है। इस लीज़ समझौते को एप्पल के भारत में बढ़ते निवेश और यहां के टेक्नोलॉजी हब में अपनी मौजूदगी को और मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस सौदे से एप्पल का भारत के टेक सेक्टर में भरोसा और स्पष्ट होता है। इसके साथ ही, बेंगलुरु में कंपनी की उपस्थिति से रोजगार और टेक उद्योग से जुड़ी गतिविधियों को नई दिशा मिलने की संभावना है।

गूगल पर ऑस्ट्रेलिया में एंटी-कॉम्पिटिटिव सौदों का मामला, कंपनी ने मानी गलती और भरेगी 35.8 मिलियन डॉलर की पेनल्टी
ऑस्ट्रेलियन कॉम्पिटिशन एंड कंज़्यूमर कमीशन (ACCC) ने टेक दिग्गज गूगल के खिलाफ संघीय अदालत में बड़ा कदम उठाया है। आयोग का आरोप है कि गूगल ने ऑनलाइन सर्च मार्केट में अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखने के लिए एंटी-कॉम्पिटिटिव सौदे किए और प्रतिस्पर्धा के नियमों का उल्लंघन किया। इस मामले में तेजी से घटनाक्रम बदलते हुए गूगल ने न केवल नियामक संस्था के साथ सहयोग किया, बल्कि यह भी स्वीकार किया कि उसने प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन किया है। इसके साथ ही कंपनी ने 35.8 मिलियन डॉलर (लगभग 298 करोड़ रुपये) की पेनल्टी भरने पर सहमति जताई है। विशेषज्ञों के अनुसार यह फैसला न केवल ऑस्ट्रेलियाई टेक उद्योग के लिए एक बड़ा संदेश है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी तकनीकी कंपनियों के लिए सख्त नियामकीय संकेत देता है।

ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन बोले – “याद नहीं आखिरी बार गूगल सर्च कब किया”, जानकारी खोजने के तरीकों में बड़ा बदलाव
ऑनलाइन जानकारी की दुनिया में तेज़ी से हो रहे बदलाव की ओर इशारा करते हुए ओपनएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सैम ऑल्टमैन ने खुलासा किया कि वे अपनी कंपनी के उत्पाद ChatGPT पर इतने अधिक निर्भर हो गए हैं कि उन्हें यह तक याद नहीं कि आखिरी बार कब गूगल सर्च का इस्तेमाल किया था। ऑल्टमैन का यह बयान न केवल पारंपरिक सर्च इंजन की घटती प्रासंगिकता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित टूल्स किस तरह लोगों की जानकारी खोजने और उसका उपयोग करने की आदतों को बदल रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह ट्रेंड आने वाले समय में इंटरनेट पर जानकारी प्राप्त करने के पूरे ढांचे को पूरी तरह बदल सकता है।

भारत का सेमीकंडक्टर सफर: आत्मनिर्भरता की ओर
भारत तेजी से सेमीकंडक्टर निर्माण और डिजाइन में अपनी पहचान बना रहा है। सरकारी योजनाओं, वैश्विक साझेदारियों और देश की प्रतिभा के दम पर, भारत अब केवल उपभोक्ता नहीं बल्कि वैश्विक सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बन रहा है।

AI पर वैश्विक न्यायालयों की सख्त चेतावनी: पेशेवरों के लिए अनिवार्य होगी मानवीय सत्यापन प्रक्रिया
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते इस्तेमाल के बीच, विश्व के कई न्यायालयों ने एक सख्त और निर्णायक संदेश जारी किया है – AI के प्रयोग के साथ मानवीय सत्यापन अब अनिवार्य होगा। ब्रिटेन की एक ऐतिहासिक अदालत के फैसले ने इस दिशा में पहली बड़ी पहल की है, जिसमें कहा गया कि किसी भी पेशेवर कार्य में यदि AI का सहारा लिया जाता है, तो उसे मानव द्वारा प्रमाणित और सत्यापित किया जाना अनिवार्य है। यह फैसला अब अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) में भी कानूनी बहसों को नई दिशा दे रहा है और इससे वैश्विक पेशेवर प्रणाली में गहरे बदलाव की संभावना बन गई है। अदालतों ने विशेष रूप से वकीलों, डॉक्टरों, शिक्षकों, वित्तीय सलाहकारों और टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए चेतावनी दी है कि बिना मानवीय निगरानी के AI का उपयोग नैतिक और कानूनी रूप से खतरनाक हो सकता है। यह रुख ऐसे समय में सामने आया है जब कई कंपनियां अपनी सेवाओं और दस्तावेजों को तेज़ और सस्ते ढंग से तैयार करने के लिए जनरेटिव AI पर अत्यधिक निर्भर हो गई हैं।

मानव बुद्धि से आगे निकलेगा AI? Meta ने लॉन्च किया ‘Superintelligence Labs’
तकनीकी दुनिया में एक बड़ी छलांग लगाते हुए Meta Platforms ने आधिकारिक रूप से ऐसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है, जो मानव बुद्धि से भी अधिक सक्षम हो। कंपनी ने अपनी नई रिसर्च इकाई Meta Superintelligence Labs की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य अत्याधुनिक AI मॉडल तैयार करना है जो तर्क, निर्णय क्षमता और समस्या समाधान जैसे क्षेत्रों में मानव क्षमताओं को पीछे छोड़ दें। Meta के सीईओ मार्क ज़ुकरबर्ग ने इस महीने इस महत्वाकांक्षी पहल की पुष्टि की। उनका कहना है कि यह लैब ऐसी सुपरइंटेलिजेंस विकसित करने पर केंद्रित होगी जो न केवल मौजूदा जनरेटिव AI से बेहतर हो, बल्कि लॉजिकल रीजनिंग और कॉम्प्लेक्स डिसीजन मेकिंग जैसे क्षेत्रों में इंसानों से कहीं अधिक दक्ष हो। इस घोषणा को AI के भविष्य को परिभाषित करने वाली सबसे साहसिक पहलों में से एक माना जा रहा है। Meta का मानना है कि सुपरइंटेलिजेंस ही अगली तकनीकी क्रांति का आधार होगी — ठीक वैसे ही जैसे इंटरनेट और मोबाइल कंप्यूटिंग ने पिछली क्रांतियों की नींव रखी थी।