
अमेरिकी डॉलर की मजबूती और फेड नीतियों के संकेतों के बीच गिरी सोने की कीमतें
सोने की कीमतों में हालिया गिरावट ने निवेशकों और आम उपभोक्ताओं दोनों का ध्यान खींचा है। अमेरिकी डॉलर में मजबूती और अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की आने वाली मौद्रिक नीतियों को लेकर बदलती उम्मीदों के चलते कीमती धातुओं के बाजार में गिरावट का रुझान देखने को मिला। इस गिरावट के साथ ही चांदी की कीमतों में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक आर्थिक संकेतों और फेड के ब्याज दरों को लेकर संभावित फैसलों ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया है। ऐसे में यह समय लंबी अवधि के निवेशकों के लिए मौका भी बन सकता है, बशर्ते वे बाजार की चाल को समझदारी से पढ़ें।
26 Jul 25
Highway Infrastructure Trust का IPO 5 अगस्त से खुलेगा, ₹97.5 करोड़ जुटाने का लक्ष्य
टोल रोड ऑपरेटर Highway Infrastructure Trust 5 अगस्त, सोमवार से अपना Initial Public Offering (IPO) लॉन्च करने जा रहा है। यह पब्लिक इश्यू दो हिस्सों में होगा — एक तरफ कंपनी नए इक्विटी शेयर जारी कर ₹97.5 करोड़ की पूंजी जुटाने की योजना बना रही है, वहीं दूसरी ओर इसके मौजूदा प्रमोटर Offer-for-Sale (OFS) के जरिए अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा बाजार में बेचेंगे। IPO से जुटाई गई राशि का इस्तेमाल कंपनी की इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की फंडिंग, कर्ज चुकाने और भविष्य के विस्तार के लिए किया जाएगा। यह ट्रस्ट देश के हाईवे और टोल नेटवर्क में एक अहम भूमिका निभा रहा है, और इसके आईपीओ को निवेशकों से अच्छे रिस्पॉन्स की उम्मीद है, खासकर उन लोगों से जो लॉन्ग-टर्म इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ पर भरोसा करते हैं।
25 Jul 25
शेयर बाजार में गिरावट का झटका: सेंसेक्स 542 अंकों की गिरावट के साथ बंद, निवेशकों में घबराहट
भारतीय शेयर बाजारों में आज एक बड़ी गिरावट देखने को मिली, जिससे हाल के दिनों की तेजी पर ब्रेक लग गया। बीएसई सेंसेक्स 542.10 अंक टूटकर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 50 में भी भारी गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट विस्तृत स्तर पर बिकवाली (broad-based sell-off) के चलते आई, जहां अधिकांश सेक्टर्स में निवेशकों ने मुनाफावसूली (profit booking) की। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक संकेतों में कमजोरी, कच्चे तेल की कीमतों में अस्थिरता और विदेशी निवेशकों की सतर्कता ने भी इस गिरावट को हवा दी। इस गिरावट के बीच निवेशकों में सतर्कता बढ़ी है और आने वाले कारोबारी सत्रों में बाजार की दिशा काफी हद तक विदेशी संकेतों और घरेलू आर्थिक आंकड़ों पर निर्भर करेगी।
25 Jul 25
सोने-चांदी की कीमतों में भारी गिरावट; मुनाफावसूली और कमजोर ग्लोबल संकेत बने कारण
आज के कारोबार में सोने और चांदी की कीमतों में तेज गिरावट देखने को मिली, जिसने निवेशकों और बाजार विश्लेषकों का ध्यान अपनी ओर खींचा। घरेलू बाजारों में मुनाफावसूली के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मिल रहे कमजोर संकेतों की वजह से कीमती धातुएं अपने हालिया उच्चतम स्तरों से फिसल गईं। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, यह गिरावट लंबी अवधि के निवेशकों के लिए एक बेहतर एंट्री पॉइंट हो सकती है, हालांकि अल्पकालिक उतार-चढ़ाव को देखते हुए सतर्कता बरतना भी जरूरी है। सोने की चमक भले ही आज हल्की पड़ी हो, लेकिन मौजूदा वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच सोना और चांदी अब भी सुरक्षित निवेश विकल्प माने जा रहे हैं। ऐसे में क्या यह गिरावट अस्थायी है या बाजार में कोई बड़ा ट्रेंड पलटाव आने वाला है—इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं।
25 Jul 25
एयर इंडिया पर DGCA की कड़ी नजर: चार कारण बताओ नोटिस जारी, बढ़ी सख्ती
भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयर इंडिया को चार अलग-अलग कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं, जिससे एविएशन सेक्टर में हलचल मच गई है। 23 जुलाई को जारी किए गए इन नोटिसों में एयरलाइन से संभावित नियम उल्लंघनों पर जवाब मांगा गया है। नियमों के पालन को लेकर पहले से ही सख्त रुख अपनाए हुए DGCA ने इन ताजा कार्रवाइयों के जरिए संकेत दिया है कि किसी भी तरह की लापरवाही या गैर-जवाबदेही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, इन नोटिसों में उड़ानों की सुरक्षा, समयबद्धता और यात्री सुविधाओं से जुड़े पहलुओं पर सवाल उठाए गए हैं। यह मामला अब केवल एयर इंडिया की जवाबदेही तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह पूरी एविएशन इंडस्ट्री के लिए एक सख्त चेतावनी बन गया है कि मानक प्रक्रियाओं से कोई भी समझौता अब भारी पड़ सकता है।
25 Jul 25
बेंगलुरु में ट्रैफिक से राहत की बड़ी तैयारी: येलो लाइन मेट्रो अगस्त 2025 तक शुरू होने की उम्मीद
देश के सबसे तेज़ी से बढ़ते महानगरों में शामिल बेंगलुरु अब अपनी भीषण ट्रैफिक समस्या से निपटने के लिए एक निर्णायक कदम उठा रहा है। सरकार ने कई बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को तेजी से आगे बढ़ाने का फैसला किया है, जिनमें सबसे अहम है नम्मा मेट्रो की येलो लाइन। अधिकारियों ने घोषणा की है कि येलो लाइन का संचालन अब अगस्त 2025 तक शुरू होने की योजना है। यह मेट्रो लाइन शहर के उत्तर और दक्षिण हिस्सों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी और हजारों यात्रियों को रोज़ाना ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी। इस परियोजना को बेंगलुरु की भविष्य की मोबिलिटी योजना का मुख्य आधार माना जा रहा है, और इसके समय पर पूरा होने से शहर की आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों में भी नया उत्साह आने की उम्मीद है।
25 Jul 25
भारत-UK के बीच ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर दस्तखत तय, व्यापार संबंधों को मिलेगा नया आयाम
भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच एक ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर कल औपचारिक रूप से हस्ताक्षर होने जा रहे हैं। इस समझौते को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने और आर्थिक सहयोग को मज़बूत करने के एक अहम कदम के रूप में देखा जा रहा है। समझौते पर भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के बिजनेस एंड ट्रेड सेक्रेटरी जोनाथन रेनॉल्ड्स हस्ताक्षर करेंगे। FTA के तहत कई उत्पादों पर शुल्कों में कटौती, निवेश को बढ़ावा और सेवा क्षेत्रों में सहयोग जैसी सुविधाएं मिलेंगी, जिससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को प्रत्यक्ष लाभ होने की संभावना है।
24 Jul 25
Renault Triber 2024 लॉन्च: बेहतर सेफ्टी फीचर्स के साथ कीमत ₹6.29 लाख से शुरू
Renault India ने अपनी लोकप्रिय 7-सीटर MPV Triber का अपडेटेड 2024 वर्ज़न भारत में लॉन्च कर दिया है। इस बार कंपनी ने खास तौर पर पैसेंजर सेफ्टी और फीचर्स पर ज़ोर दिया है। नई Triber की शुरुआती कीमत ₹6.29 लाख (एक्स-शोरूम) रखी गई है, जो इसे सेगमेंट में एक आकर्षक विकल्प बनाती है। नई Triber में अब और भी बेहतर सेफ्टी टेक्नोलॉजी, अपडेटेड इंटीरियर्स और एडवांस्ड फीचर्स देखने को मिलते हैं। बुकिंग्स आज से देशभर के सभी Renault डीलरशिप पर शुरू हो चुकी हैं। फैमिली के लिए एक बजट-फ्रेंडली और सुरक्षित विकल्प चाहने वालों के लिए यह लॉन्च काफी अहम मानी जा रही है।
24 Jul 25
SBI का बड़ा लक्ष्य: अगले 5 वर्षों में बनना चाहता है दुनिया का टॉप 10 बैंक
देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), अब वैश्विक मंच पर अपनी मौजूदगी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की तैयारी में है। बैंक ने घोषणा की है कि उसका लक्ष्य अगले पांच वर्षों के भीतर बाजार पूंजीकरण (Market Capitalization) के आधार पर दुनिया के टॉप 10 सबसे मूल्यवान बैंकों में शामिल होना है। SBI के चेयरमैन सी.एस. सेटी ने बैंक की विकास यात्रा और भविष्य की रणनीति को साझा करते हुए इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि डिजिटल नवाचार, खुदरा ऋण वृद्धि और वैश्विक निवेशकों का विश्वास – इन सभी कारकों के दम पर SBI इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह लक्ष्य न केवल बैंक की साख को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाएगा, बल्कि भारत की आर्थिक शक्ति का भी प्रतीक बनेगा।
23 Jul 25HIGHLIGHTS
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SBI का बड़ा लक्ष्य: अगले 5 वर्षों में बनना चाहता है दुनिया का टॉप 10 बैंक
देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), अब वैश्विक मंच पर अपनी मौजूदगी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की तैयारी में है। बैंक ने घोषणा की है कि उसका लक्ष्य अगले पांच वर्षों के भीतर बाजार पूंजीकरण (Market Capitalization) के आधार पर दुनिया के टॉप 10 सबसे मूल्यवान बैंकों में शामिल होना है। SBI के चेयरमैन सी.एस. सेटी ने बैंक की विकास यात्रा और भविष्य की रणनीति को साझा करते हुए इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि डिजिटल नवाचार, खुदरा ऋण वृद्धि और वैश्विक निवेशकों का विश्वास – इन सभी कारकों के दम पर SBI इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह लक्ष्य न केवल बैंक की साख को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाएगा, बल्कि भारत की आर्थिक शक्ति का भी प्रतीक बनेगा।

"बजाज फाइनेंस में प्रबंधन बदलाव से शेयरों में हलचल, उत्तराधिकार को लेकर बाजार में चिंता"
बजाज फाइनेंस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (MD) राजीव जैन के इस्तीफे की घोषणा के बाद कंपनी के शेयरों में तेज उतार-चढ़ाव देखा गया। जैन, जो लंबे समय से कंपनी के नेतृत्व में रहे हैं, के हटने की खबर ने निवेशकों और विश्लेषकों के बीच उत्तराधिकार योजना को लेकर चिंता पैदा कर दी है। हालांकि कंपनी ने इस बदलाव को पूर्व नियोजित नेतृत्व संक्रमण का हिस्सा बताया है, लेकिन बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे अनुभवी नेतृत्व के जाने से कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति पर असर पड़ सकता है। इस घटनाक्रम के बाद निवेशक यह देखने को उत्सुक हैं कि कंपनी अगले नेतृत्व के लिए क्या स्पष्ट दिशा तय करती है, ताकि बाजार को भरोसा मिल सके और स्थिरता बनी रहे।

"इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में चीन को मिल सकती है राहत: भारत सरकार विचार में, टेक ट्रांसफर और साझेदारी होगी शर्त"
भारत सरकार विदेशी निवेश नीति में एक अहम बदलाव पर विचार कर रही है, जो चीन के साथ आर्थिक रिश्तों में नया मोड़ ला सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में चीनी कंपनियों के लिए निवेश प्रतिबंधों को आंशिक रूप से नरम करने पर विचार कर रही है। हालांकि, यह संभावित छूट बिना शर्त नहीं होगी। सूत्रों का कहना है कि सरकार इस छूट के साथ कुछ सख्त शर्तें जोड़ेगी, जैसे कि भारतीय कंपनियों के साथ संयुक्त उपक्रम (जॉइंट वेंचर) की अनिवार्यता और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टेक ट्रांसफर) को प्राथमिकता दी जाएगी। इस कदम का उद्देश्य एक तरफ घरेलू विनिर्माण को मजबूत करना है, वहीं दूसरी ओर रणनीतिक क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना भी है। यदि यह नीति लागू होती है, तो यह चीन के साथ भारत के आर्थिक रिश्तों में एक व्यावहारिक लेकिन सतर्क रुख को दर्शाएगी।

मार्केट को Q1 नतीजों का इंतजार: इंफोसिस, पेटीएम, नेस्ले इंडिया समेत 95+ कंपनियां अगले हफ्ते पेश करेंगी तिमाही रिपोर्ट
भारतीय शेयर बाजार अगले हफ्ते एक अहम मोड़ पर पहुंचने वाला है, क्योंकि वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही (Q1 FY25) के नतीजों का सीज़न रफ्तार पकड़ रहा है। इंफोसिस, पेटीएम, नेस्ले इंडिया, हिंदुस्तान यूनिलीवर, ICICI लोंबार्ड और अल्ट्राटेक सीमेंट जैसी प्रमुख कंपनियों समेत 95 से अधिक सूचीबद्ध फर्म्स अगले सप्ताह अपने वित्तीय नतीजे जारी करने जा रही हैं। यह सप्ताह निवेशकों, विश्लेषकों और बाजार सहभागियों के लिए खासा महत्वपूर्ण रहेगा क्योंकि इन नतीजों से कॉरपोरेट भारत की वित्तीय सेहत और सेक्टर-वार प्रदर्शन का शुरुआती संकेत मिलेगा। रिपोर्ट्स से यह भी तय होगा कि IT, FMCG, BFSI और मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर्स ने नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत कैसी की है।

क्या ब्याज दरों में कटौती से पहले Debt Mutual Funds बन सकते हैं एक समझदारी भरा दांव?
जैसे-जैसे यह अटकलें तेज़ होती जा रही हैं कि आने वाले महीनों में केंद्रीय बैंक — खासतौर पर भारतीय रिजर्व बैंक — ब्याज दरों में कटौती का सिलसिला शुरू कर सकते हैं, निवेशक अब तेजी से डेब्ट म्यूचुअल फंड्स की ओर रुख कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ब्याज दरों में गिरावट से डेब्ट फंड्स में कैपिटल गेन की संभावनाएं बढ़ जाती हैं, खासकर लॉन्ग ड्यूरेशन फंड्स में। जब ब्याज दरें नीचे आती हैं, तो मौजूदा बॉन्ड्स की वैल्यू ऊपर जाती है, जिससे फंड के NAV में बढ़त होती है। हालांकि, वित्तीय सलाहकार चेतावनी देते हैं कि केवल अनुमान के आधार पर निवेश करना जोखिमभरा हो सकता है। बाजार में समय तय करना आसान नहीं होता, और ब्याज दरों में बदलाव की गति या दिशा उम्मीद के विपरीत भी जा सकती है। विशेषज्ञ यह भी सुझाव देते हैं कि अगर आप आने वाले 2-3 वर्षों के लिए निवेश कर रहे हैं और थोड़ा उतार-चढ़ाव झेल सकते हैं, तो गिल्ट फंड्स, डायनेमिक बॉन्ड फंड्स या मीडियम टर्म डेट फंड्स आपके पोर्टफोलियो में अच्छे विकल्प हो सकते हैं। संक्षेप में कहा जाए, तो अगर आप ब्याज दरों में संभावित कटौती को भुनाने की सोच रहे हैं, तो डेब्ट म्यूचुअल फंड्स एक स्मार्ट मूव हो सकते हैं — बशर्ते आपने जोखिम और समयसीमा का सही मूल्यांकन किया हो।

HDFC बैंक अब कर्ज बढ़ाने पर देगा ज़ोर, जमा अनुपात में स्थिरता के बाद नई रणनीति पर फोकस
HDFC बैंक ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव करते हुए अब कर्ज वृद्धि (Loan Growth) और बैलेंस शीट की प्रभावशीलता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है। यह बदलाव HDFC Ltd. के साथ हुए ऐतिहासिक विलय के बाद बैंक के नए संचालन चरण की शुरुआत का संकेत देता है। बैंक ने हाल ही में आक्रामक डिपॉज़िट ड्राइव चलाकर अपने क्रेडिट-टू-डिपॉज़िट रेशियो (CDR) को एक संतुलित स्तर पर ला दिया है, जिससे अब वह आक्रामक रूप से ऋण वितरण बढ़ाने की दिशा में बढ़ सकता है। बैंक प्रबंधन का मानना है कि अब उनके पास लिक्विडिटी और पूंजी दोनों की वह ताकत है, जिससे आगामी तिमाहियों में ग्रोथ और प्रॉफिटेबिलिटी दोनों को गति दी जा सके।

ट्रम्प प्रशासन की 10% चीनी आयात पर टैरिफ नीति से टेक उद्योग और उपभोक्ताओं पर बड़ा असर
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए 10% टैरिफ, जो फरवरी 2025 से लागू होंगे, टेक इंडस्ट्री और आम उपभोक्ताओं की जेब पर भारी पड़ सकते हैं। इस फैसले से लैपटॉप, स्मार्टफोन और चिप्स जैसी अहम इलेक्ट्रॉनिक्स की कीमतें बढ़ेंगी। कंपनियां उत्पादन शिफ्ट करने पर विचार कर रही हैं, जबकि एक्सपर्ट्स चेतावनी दे रहे हैं कि इसका असर बाजार में लैपटॉप और टैबलेट की बिक्री पर भी पड़ सकता है।

भारत में नया आयकर विधेयक 2025 पेश, 1961 के कानून की जगह लेगा
13 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आयकर विधेयक 2025 (Income Tax Bill 2025) पेश किया। यह विधेयक आयकर अधिनियम, 1961 को प्रतिस्थापित करेगा और देश की कर प्रणाली को सरल, पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस विधेयक में टैक्स ईयर (Tax Year) की नई अवधारणा, वेतनभोगी करदाताओं के लिए नए कटौतियाँ, और आभासी डिजिटल संपत्तियों (VDAs) जैसे क्रिप्टोकरेंसी और NFT को औपचारिक रूप से संपत्ति की श्रेणी में शामिल किया गया है। संयुक्त संसदीय समिति (JPC) इस विधेयक की समीक्षा कर 10 मार्च 2025 तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। यदि इसे मंजूरी मिलती है, तो नया कानून 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा।