क्या आपका ब्लड ग्रुप बताता है कि आप कितने बुद्धिमान हैं? जानिए दिल जीतने वाले खास लोगों के बारे में10 Apr 25

क्या आपका ब्लड ग्रुप बताता है कि आप कितने बुद्धिमान हैं? जानिए दिल जीतने वाले खास लोगों के बारे में

10 अप्रैल 2025 (UNA) : हम अक्सर किसी की पहचान उनके स्वभाव, सोचने के तरीके और व्यवहार से करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंसान के ब्लड ग्रुप से भी उसके व्यक्तित्व और बुद्धिमत्ता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है? जी हां, कुछ अध्ययनों और सांस्कृतिक विश्वासों के अनुसार, खास ब्लड ग्रुप वाले लोग न केवल तेज दिमाग वाले होते हैं, बल्कि अपनी सोच और समझदारी से दूसरों का दिल भी जीत लेते हैं।

कौन से ब्लड ग्रुप के लोग माने जाते हैं सबसे बुद्धिमान?

विशेषज्ञों का मानना है कि AB+ और A ब्लड ग्रुप वाले लोग सबसे अधिक बुद्धिमान माने जाते हैं। इन लोगों में गहरी सोचने की क्षमता, तेज़ निर्णय लेने की शक्ति और विश्लेषणात्मक सोच होती है। खासतौर पर AB+ वाले लोग अपने शांत और संतुलित स्वभाव के लिए पहचाने जाते हैं। ये लोग मुश्किल से मुश्किल हालात में भी धैर्य नहीं खोते और बेहद समझदारी से काम लेते हैं।

A ब्लड ग्रुप के लोग – सादगी में समझदारी

A ब्लड ग्रुप वाले लोग आमतौर पर बेहद अनुशासित, शांत और संवेदनशील होते हैं। ये बिना किसी ऊँच-नीच के सभी से अच्छे से पेश आते हैं और अपनी शांति और समझदारी से सबका दिल जीत लेते हैं। किसी भी स्थिति में जल्दी घबराते नहीं, बल्कि सोच-समझकर फैसले लेते हैं। यही वजह है कि ऐसे लोग अक्सर भरोसेमंद दोस्त या सहयोगी साबित होते हैं।

जापान में ब्लड ग्रुप से तय होती हैं नौकरियाँ!

जापान जैसे देशों में ब्लड ग्रुप को बेहद गंभीरता से लिया जाता है। वहां कई कंपनियां नौकरी देने से पहले कैंडिडेट्स का ब्लड ग्रुप भी जानना चाहती हैं, ताकि यह समझा जा सके कि वे किस तरह के व्यक्ति हैं और टीम में किस तरह का योगदान देंगे। यही नहीं, रिश्ते तय करते समय भी वहां ब्लड ग्रुप को एक महत्वपूर्ण कारक माना जाता है।

AB+ और O+ वाले – दिमाग और दिल, दोनों में माहिर

AB+ ब्लड ग्रुप वाले लोग विश्लेषणात्मक सोच में माहिर होते हैं और दूसरों की समस्याओं को गहराई से समझ सकते हैं। वहीं, O+ वाले लोग ऊर्जा से भरपूर, मिलनसार और प्रेरणादायक होते हैं। ये लोग किसी भी टीम का मनोबल बढ़ाने का काम करते हैं और हर परिस्थिति में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते हैं।हालांकि यह ज़रूरी नहीं कि किसी का ब्लड ग्रुप ही उसकी पूरी पर्सनैलिटी को तय करता है, लेकिन यह जरूर कहा जा सकता है कि कुछ ब्लड ग्रुप्स के लोगों में खास विशेषताएं देखी जाती हैं। तो अगली बार जब किसी से मिलें, तो उनके स्वभाव के साथ-साथ उनके ब्लड ग्रुप पर भी एक नज़र डालिए — हो सकता है, आपको उनके बारे में और भी कुछ खास जानने को मिल जाए! - UNA

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जानी-मानी न्यूट्रिशनिस्ट और लेखक रुजुता दिवेकर एक बार फिर से सेहत के नाम पर चलने वाले जटिल ट्रेंड्स से ध्यान हटाकर भारतीय रसोई की पारंपरिक समझ की ओर सबका ध्यान खींच रही हैं। हाल ही में अपने नए रेसिपी बुक की चर्चा के दौरान उन्होंने एक बेहद सरल लेकिन असरदार विचार साझा किया: "जो खाना आप अपनी मातृभाषा में पहचान सकते हैं, वही आपके शरीर के लिए सबसे उपयुक्त है।" रुजुता का मानना है कि हमारी सेहत की जड़ें हमारी संस्कृति, भाषा और खानपान में छिपी होती हैं। पश्चिमी डाइट्स या महंगे सुपरफूड्स की बजाय अगर हम अपनी दादी-नानी के बताएं हुए खाने की ओर लौटें — जैसे दाल-चावल, पराठा, या मूंगफली — तो हम न केवल स्वस्थ रह सकते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी बेहतर महसूस करेंगे। उनका यह नजरिया आज के समय में और भी प्रासंगिक है, जब लोग इंस्टाग्राम ट्रेंड्स और "डिटॉक्स डाइट्स" के पीछे भागते हुए अपनी जड़ों को भूलते जा रहे हैं।