पटना (UNA) : – बिहार में इस हफ़्ते अफ़वाह और दहशत का माहौल तब बन गया जब ख़ुफ़िया एजेंसियों ने सूचना दी कि तीन पाकिस्तानी आतंकी नेपाल सीमा के रास्ते राज्य में घुसपैठ कर चुके हैं। इस अलर्ट के बाद पूरे बिहार में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। ज़िला स्तर पर पुलिस ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया और संवेदनशील ठिकानों को हाई अलर्ट पर रखा। लेकिन दो दिन बाद राज्य पुलिस ने स्पष्ट किया कि संदिग्ध आतंकी भारत में दाख़िल ही नहीं हुए थे और यह सूचना ग़लत साबित हुई।
प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, ये तीनों संदिग्ध आतंकी जैश-ए-मोहम्मद संगठन से जुड़े बताए गए थे। अधिकारियों ने उनके नाम, पासपोर्ट डिटेल्स और तस्वीरें सार्वजनिक करते हुए सूचना देने वालों के लिए ₹50,000 का इनाम भी घोषित कर दिया था। इसके बाद नेपाल से सटे ज़िलों के साथ-साथ पटना जैसे बड़े शहरों में सुरक्षा घेराबंदी और कड़ी कर दी गई। रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और धार्मिक स्थलों पर विशेष निगरानी रखी गई, वहीं सशस्त्र सीमा बल (SSB) को भी अलर्ट पर रखा गया। इसी बीच, राहुल गांधी के बिहार दौरे की सुरक्षा व्यवस्थाओं में भी बदलाव किए गए।
हालांकि, तनाव तब कम हुआ जब पुलिस मुख्यालय ने औपचारिक स्पष्टीकरण जारी किया। एडीजी (क़ानून-व्यवस्था) पंकज दरद ने मीडिया को बताया कि आगे की जांच में पता चला कि तीनों पाकिस्तानी नागरिक नेपाल से सीधे मलेशिया रवाना हो गए थे और उन्होंने भारतीय सीमा में प्रवेश नहीं किया। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक अलर्ट पर तत्काल कार्रवाई ज़रूरी थी, लेकिन विस्तृत सत्यापन के बाद यह मामला बेबुनियाद निकला।
इस ख़बर ने राज्यभर के नागरिकों, ख़ासकर सीमा इलाक़ों और पटना में, गहरी चिंता पैदा कर दी थी। सोशल मीडिया पर तरह-तरह की चर्चाएं और अटकलें तेज़ हो गईं। विपक्षी दलों ने सरकार से इस मामले पर आधिकारिक स्पष्टीकरण की मांग की। वहीं सुरक्षा विशेषज्ञों ने तर्क दिया कि ऐसी परिस्थितियों में एजेंसियों का “ज़्यादा सतर्क होना” लापरवाही से बेहतर है, क्योंकि बिहार की नेपाल सीमा से लगे इलाक़े पहले भी संदिग्ध गतिविधियों और घुसपैठ की घटनाओं की वजह से संवेदनशील रहे हैं।
यह घटना एक बार फिर इस बात को रेखांकित करती है कि राज्य की सुरक्षा व्यवस्था में सटीक खुफ़िया जानकारी और उसके सही सत्यापन की कितनी अहमियत है। हालाँकि ग़लत अलर्ट निकलने से लोगों ने राहत की सांस ली, लेकिन इसने यह गंभीर सवाल भी खड़ा कर दिया कि अगर भविष्य में असली खतरा हुआ तो क्या मौजूदा तैयारियां पर्याप्त होंगी। फ़िलहाल, बिहार पुलिस ने आश्वस्त किया है कि राज्य सामान्य चौकसी पर है और नागरिकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। - UNA