केरल कांग्रेस के सोशल मीडिया प्रमुख ने ‘बीड़ी-बिहार’ ट्वीट विवाद के बाद इस्तीफा दिया07 Sep 25

केरल कांग्रेस के सोशल मीडिया प्रमुख ने ‘बीड़ी-बिहार’ ट्वीट विवाद के बाद इस्तीफा दिया

तिरुवनंतपुरम (UNA) : कांग्रेस पार्टी के केरल इकाई के सोशल मीडिया प्रमुख ने इस्तीफ़ा दे दिया है, बाद में वायरल हुए एक ट्वीट के कारण जिसमें बिहार को हाँथ से बनाई जाने वाली सिगरेट यानी बिडी से जोड़ा गया था। इस पोस्ट को असंवेदनशील और रूढ़िवादी माना गया, जिससे राजनीतिक दलों सहित कांग्रेस के सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी।

बताया गया है कि केरल कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल से किया गया यह ट्वीट केंद्रीय सरकार की आर्थिक नीतियों, खासकर तंबाकू उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने के संभावित कदम पर टिप्पणी के लिए था। हालांकि इसे व्यापक रूप से बिहार की जनता को अपमानित करने वाला संदेश माना गया।

ट्वीट के खिलाफ प्रतिक्रिया तुरंत हुई। बिहार के नेता इसे अपमानजनक करार दिया, जबकि RJD ने भी असंतोष व्यक्त किया और यह जताया कि इससे गठबंधन में तनाव उत्पन्न हुआ। इसके बाद केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) ने ट्वीट हटा दिया और औपचारिक माफ़ी जारी करते हुए स्पष्ट किया कि यह संदेश पार्टी के दृष्टिकोण को नहीं दर्शाता।

KPCC अध्यक्ष  सुधाकरन ने राज्य इकाई के सोशल मीडिया संचालन में सुधार की घोषणा की, ताकि भविष्य में ऐसे घटनाओं से बचा जा सके। माफी जारी करने के बाद, ट्वीट के लिए जिम्मेदार सोशल मीडिया समन्वयक ने इस्तीफ़ा दे दिया, जिसे पार्टी ने स्वीकार कर लिया। यह घटना राजनीतिक संदेशों की सोशल मीडिया पर संवेदनशीलता और जोखिम को उजागर करती है, जहाँ एक छोटी गलती भी बड़ी विवादास्पद स्थिति में बदल सकती है। - UNA

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आगामी विधानसभा चुनावों से पहले बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने चुनावी अभियान को और तेज़ कर दिया है। पार्टी ने अवैध घुसपैठ के मुद्दे को चुनावी बहस का प्रमुख केंद्र बना दिया है, खासकर राजनीतिक रूप से संवेदनशील सीमांचल क्षेत्र में। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं ने इस विषय को सीधे जनता के सामने रखा है। उन्होंने विपक्षी दलों पर तुष्टिकरण की राजनीति करने और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का आरोप लगाया है। बीजेपी की रणनीति स्पष्ट करती है कि वह सीमांचल को न केवल चुनावी मुद्दा बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और पहचान की राजनीति से जोड़कर जनता के बीच अपनी पैठ मजबूत करना चाहती है। यह चुनावी विमर्श आने वाले दिनों में राज्य की सियासत को और अधिक गरमा सकता है।