मुंबई (UNA) : — सरकार द्वारा रोज़मर्रा की वस्तुओं और घरेलू उपकरणों पर हाल ही में की गई जीएसटी दरों में कटौती ने शेयर बाज़ार का रुख उपभोक्ता-आधारित कंपनियों की ओर मोड़ दिया है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस कदम से एफएमसीजी (FMCG), कंज़्यूमर ड्यूरेबल्स और फुटवियर क्षेत्र की कंपनियां सबसे अधिक लाभान्वित होंगी।
कम कर दरों से उत्पादों की कीमतें घटने की संभावना है, जिससे उपभोक्ताओं के लिए वस्तुएं अधिक किफायती होंगी और मांग में इज़ाफा होगा। यह बढ़ती मांग कंपनियों की बिक्री और राजस्व को भी मज़बूती दे सकती है।
एफएमसीजी सेक्टर : नेस्ले जैसी कंपनियों को पैकेज्ड फूड और बेवरेजेज़ पर टैक्स घटने का लाभ मिलेगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस क्षेत्र में कीमतों में हल्की सी गिरावट भी बिक्री की मात्रा को तेज़ी से बढ़ा सकती है।
कंज़्यूमर ड्यूरेबल्स : एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन जैसे उपकरणों पर कम जीएसटी से उपभोक्ता अपनी लंबित खरीद को पूरा कर सकते हैं। इससे वोल्टास और हैवेल्स जैसी कंपनियों के लिए बाज़ार में नए अवसर खुलेंगे।
फुटवियर उद्योग : बाटा और रिलैक्सो जैसे ब्रांड्स को भी टैक्स कटौती का लाभ मिलेगा। सस्ते फुटवियर से अधिक उपभोक्ता वर्ग तक पहुंच संभव होगी और बिक्री में उछाल आ सकता है।
हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि असली असर इस बात पर निर्भर करेगा कि कंपनियां टैक्स कटौती का लाभ कितनी हद तक उपभोक्ताओं तक पहुंचाती हैं। अब निवेशकों की निगाहें आगामी तिमाही नतीजों पर टिकी हैं, जो यह संकेत देंगे कि क्या वाकई बाज़ार में उपभोग-आधारित सुधार शुरू हो चुका है। - UNA