जीएसटी कटौती से बढ़ी निवेशकों की दिलचस्पी, उपभोक्ता शेयरों में दिखा उत्साह04 Sep 25

जीएसटी कटौती से बढ़ी निवेशकों की दिलचस्पी, उपभोक्ता शेयरों में दिखा उत्साह

मुंबई (UNA) : — सरकार द्वारा रोज़मर्रा की वस्तुओं और घरेलू उपकरणों पर हाल ही में की गई जीएसटी दरों में कटौती ने शेयर बाज़ार का रुख उपभोक्ता-आधारित कंपनियों की ओर मोड़ दिया है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस कदम से एफएमसीजी (FMCG), कंज़्यूमर ड्यूरेबल्स और फुटवियर क्षेत्र की कंपनियां सबसे अधिक लाभान्वित होंगी।

कम कर दरों से उत्पादों की कीमतें घटने की संभावना है, जिससे उपभोक्ताओं के लिए वस्तुएं अधिक किफायती होंगी और मांग में इज़ाफा होगा। यह बढ़ती मांग कंपनियों की बिक्री और राजस्व को भी मज़बूती दे सकती है।

एफएमसीजी सेक्टर : नेस्ले जैसी कंपनियों को पैकेज्ड फूड और बेवरेजेज़ पर टैक्स घटने का लाभ मिलेगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस क्षेत्र में कीमतों में हल्की सी गिरावट भी बिक्री की मात्रा को तेज़ी से बढ़ा सकती है।

कंज़्यूमर ड्यूरेबल्स : एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन जैसे उपकरणों पर कम जीएसटी से उपभोक्ता अपनी लंबित खरीद को पूरा कर सकते हैं। इससे वोल्टास और हैवेल्स जैसी कंपनियों के लिए बाज़ार में नए अवसर खुलेंगे।

फुटवियर उद्योग : बाटा और रिलैक्सो जैसे ब्रांड्स को भी टैक्स कटौती का लाभ मिलेगा। सस्ते फुटवियर से अधिक उपभोक्ता वर्ग तक पहुंच संभव होगी और बिक्री में उछाल आ सकता है।

हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि असली असर इस बात पर निर्भर करेगा कि कंपनियां टैक्स कटौती का लाभ कितनी हद तक उपभोक्ताओं तक पहुंचाती हैं। अब निवेशकों की निगाहें आगामी तिमाही नतीजों पर टिकी हैं, जो यह संकेत देंगे कि क्या वाकई बाज़ार में उपभोग-आधारित सुधार शुरू हो चुका है। - UNA

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जीएसटी कटौती से बढ़ी निवेशकों की दिलचस्पी, उपभोक्ता शेयरों में दिखा उत्साह

सरकार द्वारा हाल ही में रोज़मर्रा के सामान और घरेलू उपकरणों पर जीएसटी दरों में की गई कटौती का असर अब शेयर बाज़ार में साफ़ दिखाई देने लगा है। इस फैसले से उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें कम होने की संभावना है, जिससे न केवल आम लोगों के बजट को राहत मिलेगी बल्कि कंपनियों की बिक्री में भी इज़ाफ़ा होगा। इसी उम्मीद के चलते निवेशकों का झुकाव एफएमसीजी, कंज़्यूमर ड्यूरेबल्स और फुटवियर कंपनियों की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। बाज़ार विशेषज्ञ मानते हैं कि करों में इस कमी से इन सेक्टर्स की माँग में दीर्घकालिक सुधार देखने को मिलेगा। उपभोक्ताओं के खर्च बढ़ने से कंपनियों की आय और मुनाफ़ा भी मज़बूत होगा, जिससे इन शेयरों का प्रदर्शन आने वाले समय में और बेहतर हो सकता है।