भारत में ई-कॉमर्स के लिए नए सरकारी दिशानिर्देश और कानून14 Feb 25

भारत में ई-कॉमर्स के लिए नए सरकारी दिशानिर्देश और कानून

14 फरवरी 2025 (UNA) भारत सरकार ई-कॉमर्स क्षेत्र को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए नई नीतियाँ और नियम लागू कर रही है। इन उपायों का उद्देश्य ई-कॉमर्स कंपनियों को सुव्यवस्थित करना और उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी से बचाना है।

ड्राफ्ट ई-कॉमर्स दिशानिर्देश:
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS), जो उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत आता है, ने "ई-कॉमर्स सिद्धांत और आत्म-शासन के लिए दिशानिर्देश" नामक मसौदा तैयार किया है। इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ाना और लेन-देन के सभी चरणों—पूर्व-लेन-देन, अनुबंध निर्माण और बाद के लेन-देन—में पारदर्शिता लाना है। सरकार ने इस पर सभी संबंधित पक्षों से सुझाव मांगे हैं।

मुख्य प्रावधान:
इन दिशानिर्देशों में निम्नलिखित महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं:

  • विक्रेताओं के लिए कड़े KYC (नो योर कस्टमर) नियम
  • सटीक उत्पाद जानकारी और स्पष्ट रिटर्न व रिफंड नीति
  • सुरक्षित भुगतान गेटवे और डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करना।
  • निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना, भेदभावपूर्ण व्यापारिक नीतियों और नकली उत्पादों पर रोक लगाना।

ई-कॉमर्स कानून और नियम:
भारत में ई-कॉमर्स क्षेत्र सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम 2000, उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम 2020, और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) नीति जैसे विभिन्न कानूनों के तहत संचालित होता है। ये कानून ई-कॉमर्स व्यवसायों की नैतिकता और उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।

डेटा सुरक्षा पर ध्यान:
नए ई-कॉमर्स नियमों में डेटा सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। कंपनियों को ग्राहक डेटा को सुरक्षित रखने और गोपनीयता कानूनों का पालन करने की आवश्यकता होगी। भुगतान प्रसंस्करण और मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी नियमों का भी पालन अनिवार्य किया गया है।

बढ़ती नियामक सख्ती:
सरकार ई-कॉमर्स कंपनियों पर डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) अधिनियम और आगामी डिजिटल प्रतिस्पर्धा विधेयक के तहत निगरानी बढ़ा सकती है। इन बदलावों से कंपनियों के कामकाज के तरीके प्रभावित होंगे।

व्यापारों पर प्रभाव:
इन नियमों के कारण व्यवसायों की अनुपालन लागत (Compliance Cost) बढ़ सकती है, जिससे उन्हें नियामक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अतिरिक्त संसाधन आवंटित करने होंगे। कंपनियों को निष्पक्ष मूल्य निर्धारण, डेटा सुरक्षा और पारदर्शिता को प्राथमिकता देनी होगी।

छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) के लिए लाभ:
नई नीति का उद्देश्य SMEs को एक समान अवसर प्रदान करना है। यह बड़ी कंपनियों द्वारा अपनाई जाने वाली गहरी छूट और आक्रामक मूल्य निर्धारण रणनीतियों को रोकने में मदद करेगी। साथ ही, SMEs को डिजिटल टूल्स और प्रशिक्षण कार्यक्रमों तक पहुंच प्रदान की जाएगी ताकि वे ई-कॉमर्स के बदलते परिदृश्य में आसानी से ढल सकें। - UNA

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