बिहार में विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन: अखिलेश, राहुल और तेजस्वी एक मंच पर करेंगे रोड शो30 Aug 25

बिहार में विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन: अखिलेश, राहुल और तेजस्वी एक मंच पर करेंगे रोड शो

पटना (UNA) : – बिहार की राजनीति में आज विपक्षी एकजुटता का बड़ा प्रदर्शन देखने को मिलेगा। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ एक मेगा रोड शो में शामिल होंगे। यह संयुक्त कार्यक्रम सीवान ज़िले में आयोजित किया जा रहा है, जो राहुल गांधी की चल रही “वोटर अधिकार यात्रा” का हिस्सा है।

राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पिछले कई दिनों से बिहार में लगातार सभाएँ और रोड शो कर रहे हैं, जिनमें बेरोज़गारी, महंगाई और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जा रहा है। अब अखिलेश यादव की मौजूदगी से इस अभियान के और अधिक भीड़ जुटाने और विपक्षी एकता का मजबूत संदेश देने की संभावना है।

कार्यक्रम में तीनों नेता संयुक्त रोड शो करेंगे और विशाल जनसभाओं को संबोधित करेंगे। वे मतदाताओं से अपने अधिकारों को लेकर सजग रहने और चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी करने की अपील करेंगे। आयोजकों को उम्मीद है कि हज़ारों लोग सड़कों पर उतरकर इन नेताओं का स्वागत करेंगे। इसे हाल के हफ्तों में बिहार का सबसे बड़ा राजनीतिक आयोजन माना जा रहा है।

राहुल गांधी द्वारा इस महीने की शुरुआत में शुरू की गई वोटर अधिकार यात्रा बिहार में खासा ध्यान आकर्षित कर रही है। इसका मक़सद सत्तारूढ़ एनडीए के खिलाफ माहौल तैयार करना और सीधे जनता से संवाद स्थापित करके विपक्षी गठबंधन को मज़बूत करना है। अखिलेश यादव की भागीदारी न सिर्फ कांग्रेस-राजद साझेदारी के प्रति उनका समर्थन दर्शाती है, बल्कि यह विपक्षी दलों की व्यापक रणनीति का संकेत भी है, जिसमें वे भाजपा नेतृत्व वाले गठबंधन के खिलाफ एक मंच पर आने की कोशिश कर रहे हैं।

आज सीवान का यह रोड शो भव्य रूप लेने की उम्मीद है, जिसमें भारी जनसमूह और राष्ट्रीय मीडिया की नज़रें टिकी रहेंगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और अखिलेश यादव का यह संयुक्त प्रदर्शन 2025 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा-नीत गठबंधन के खिलाफ एकजुट विपक्षी मोर्चे को आकार देने की दिशा में अहम कदम साबित हो सकता है। - UNA

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आगामी विधानसभा चुनावों से पहले बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने चुनावी अभियान को और तेज़ कर दिया है। पार्टी ने अवैध घुसपैठ के मुद्दे को चुनावी बहस का प्रमुख केंद्र बना दिया है, खासकर राजनीतिक रूप से संवेदनशील सीमांचल क्षेत्र में। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं ने इस विषय को सीधे जनता के सामने रखा है। उन्होंने विपक्षी दलों पर तुष्टिकरण की राजनीति करने और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का आरोप लगाया है। बीजेपी की रणनीति स्पष्ट करती है कि वह सीमांचल को न केवल चुनावी मुद्दा बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और पहचान की राजनीति से जोड़कर जनता के बीच अपनी पैठ मजबूत करना चाहती है। यह चुनावी विमर्श आने वाले दिनों में राज्य की सियासत को और अधिक गरमा सकता है।