बिहार चुनाव 2025: चेनपुर विधानसभा सीट पर फिर होगा रोमांचक मुकाबला26 Aug 25

बिहार चुनाव 2025: चेनपुर विधानसभा सीट पर फिर होगा रोमांचक मुकाबला

कैमूर बिहार (UNA) : – बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नज़दीक रहे हैं, वैसे-वैसे राज्य की सबसे रोचक और अनिश्चित मानी जाने वाली सीट चैनपुर विधानसभा क्षेत्र पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। यह सीट अपने बेहद करीबी मुकाबलों और बार-बार बदलते जनादेश के लिए जानी जाती है, और इस बार भी यहां का चुनावी माहौल बेहद गर्म रहने वाला है। कैमूर ज़िले में स्थित चैनपुर विधानसभा सीट ने वर्षों से राजनीतिक पंडितों के अनुमान को कई बार गलत साबित किया है। जहां कई क्षेत्रों में दलगत निष्ठा वोटिंग पैटर्न को तय करती है, वहीं चैनपुर के मतदाता लगातार पार्टियों के बीच झूलते रहे हैं। यही वजह है कि यह सीट राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दोनों दलों के लिए हमेशा चुनौती बनी रहती है।

  • 2015 चुनाव में बीजेपी के बृज किशोर बिंद ने बसपा के जमां खान को महज़ 671 वोटों के बेहद मामूली अंतर से हराया था।
  • 2020 चुनाव में तस्वीर बिल्कुल बदल गई। चैनपुर की जनता ने ज़मां खान को 95,000 से अधिक वोट दिलाए और बृज किशोर बिंद को 24,000 से ज्यादा वोटों से मात दी। इसके बाद ज़मां खान ने जदयू का दामन थाम लिया और सरकार में शामिल हो गए, जिससे यहां का समीकरण और भी पेचीदा हो गया।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चैनपुर की अनिश्चित राजनीति की वजह कई कारक हैं | यहां अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग की बड़ी आबादी है, जिनकी अलग-अलग राजनीतिक प्राथमिकताएँ चुनाव नतीजों को प्रभावित करती हैं।

  • स्थानीय मुद्दे हावी: ग्रामीण विकास, कृषि और बुनियादी ढांचे जैसी समस्याएँ यहां अक्सर राष्ट्रीय मुद्दों पर भारी पड़ती हैं।
  • कई दलों का दबदबा: वर्षों में कांग्रेस, बीजेपी, बसपा, जदयू और यहां तक कि निर्दलीय उम्मीदवार भी जीत दर्ज कर चुके हैं, जिससे यहां की राजनीति और भी जटिल हो जाती है।

2025 की राह

आगामी चुनाव को देखते हुए बड़े से लेकर छोटे सभी दलों ने चैनपुर में पूरी ताक़त झोंक दी है।

  • बीजेपी और जदयू के लिए यह सीट प्रतिष्ठा की लड़ाई बनी हुई है।
  • बसपा और अन्य क्षेत्रीय दल इसे वापसी का मौका मान रहे हैं।
  • वहीं, निर्दलीय उम्मीदवार भी यहां के टूटे-बिखरे वोट बैंक का फायदा उठाने की तैयारी में हैं।

स्थानीय लोग कहते हैं कि वे इस बार भी उम्मीदवार के व्यक्तित्व और कामकाज को तवज्जो देंगे, कि केवल पार्टी के चुनाव चिन्ह को। भगवानपुर ब्लॉक के एक किसान ने कहाचैनपुर के वोटर प्रतीक पर नहीं, बल्कि इस पर वोट देते हैं कि कौन उनकी समस्या सुनता है।

चैनपुर विधानसभा का चुनाव एक बार फिर बेहद दिलचस्प होने जा रहा है। यहां का अनिश्चित वोट बैंक और करीबी मुकाबलों का इतिहास इसे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सबसे रोमांचक सीटों में से एक बना देता है। अब देखना होगा कि इस बार बड़ी पार्टियाँ अपना क़िला मज़बूत कर पाती हैं या मतदाता फिर से कोई नया चौंकाने वाला फैसला देते हैं। - UNA

 


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