ईरान के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में न्यायालय भवन पर आतंकी हमला, कम से कम 8 की मौत26 Jul 25

ईरान के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में न्यायालय भवन पर आतंकी हमला, कम से कम 8 की मौत

तेहरान, ईरान (UNA) : – ईरानी सरकारी मीडिया की आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, ईरान के दक्षिणपूर्वी क्षेत्र में एक न्यायिक भवन पर हुए एक घातक हमले में कम से कम आठ लोग मारे गए हैं। इस घटना को एक आतंकवादी हमला करार दिया गया है, जो सीमावर्ती प्रांत में लगातार सुरक्षा चुनौतियों को रेखांकित करता है।


हमले का विवरण


यह हमला सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में हुआ, जो एक ऐतिहासिक रूप से अशांत क्षेत्र है और पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों की सीमा से लगा हुआ है। राज्य-संचालित समाचार एजेंसियों द्वारा जारी विवरण के अनुसार, सशस्त्र हमलावरों ने सरकारी सुविधा को निशाना बनाया, जिसके परिणामस्वरूप हिंसक टकराव हुआ।

अधिकारियों ने आठ लोगों की मौत की पुष्टि की है। हताहतों में पांच नागरिक और तीन हमलावर शामिल हैं, जो हमले के दौरान मारे गए थे। नागरिकों की पहचान उनके परिवारों को सूचित करने तक जारी नहीं की गई है।


क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियाँ


सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत लंबे समय से सुरक्षा बलों, अलगाववादी समूहों और चरमपंथी आतंकवादियों से जुड़े संघर्षों का स्थल रहा है। यह क्षेत्र जातीय बलूच अल्पसंख्यक की एक बड़ी आबादी का घर है, जिनमें से कई मुख्य रूप से शिया राष्ट्र में सुन्नी मुसलमान हैं, और इसका शिकायतों का एक इतिहास रहा है जिसने अशांति को बढ़ावा दिया है।

इस रिपोर्ट के अनुसार, किसी भी समूह ने अभी तक हमले की आधिकारिक जिम्मेदारी नहीं ली है। ईरानी अधिकारियों ने हमले के पीछे के उद्देश्यों का पता लगाने और अपराधियों के किसी भी साथी या संगठनात्मक संबद्धता की पहचान करने के लिए पूर्ण पैमाने पर जांच शुरू की है।

हमले के मद्देनजर, क्षेत्र में सुरक्षा visibly बढ़ाई गई है, जिसमें प्रमुख सरकारी प्रतिष्ठानों पर अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं। यह घटना ईरान के दक्षिणपूर्वी सीमावर्ती क्षेत्रों में अस्थिर सुरक्षा स्थिति की एक कड़ी याद दिलाती है, एक ऐसा क्षेत्र जो अक्सर तस्करी, विद्रोह और आतंकवादी गतिविधि से चुनौती देता रहता है। आधिकारिक जांच आगे बढ़ने के साथ आगे के विवरण की उम्मीद है। - UNA

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भारत ने पाकिस्तान को कड़े शब्दों में आगाह किया है कि मौजूदा मानसूनी दौर में सिंधु बेसिन के निचले इलाकों में “भीषण बाढ़” की आशंका है। शुक्रवार को दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान हुई राजनयिक नोट में भारत ने मानवीय सहयोग की अपील करते हुए चेताया कि यदि समय रहते एहतियाती कदम नहीं उठाए गए तो लाखों लोगों की ज़िंदगियाँ और रोज़गार खतरे में पड़ सकते हैं। विदेश मंत्रालय और जल संसाधन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित इस नोट में गंगा और सिंधु नदी घाटियों से हाल ही में जुटाए गए जल-वैज्ञानिक आँकड़ों का हवाला दिया गया है, जिनमें लगातार भारी बारिश के बाद जल प्रवाह में तेज़ वृद्धि दर्ज की गई है। नोट में स्पष्ट कहा गया है, “भारत गहराई से चिंतित है कि संभावित बाढ़ की स्थिति सीमा पार जीवन और आजीविका को प्रभावित कर सकती है। हम पाकिस्तान से अपील करते हैं कि सभी ज़रूरी कदम उठाए जाएँ और संबंधित आँकड़े साझा किए जाएँ ताकि एक समन्वित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।”