
भयानक टर्बुलेंस के चलते डेल्टा फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग, 25 यात्री घायल
बुधवार रात डेल्टा एयरलाइंस की एक इंटरनेशनल फ्लाइट को बीच रास्ते में गंभीर टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा, जिसके चलते विमान को आपातकालीन रूप से मिनियापोलिस-सेंट पॉल इंटरनेशनल एयरपोर्ट (MSP) पर उतारना पड़ा। सल्ट लेक सिटी से एम्सटर्डम जा रही डेल्टा फ्लाइट 135 (Airbus A330) में हुए इस तेज़ झटके से 25 यात्रियों को चोटें आईं। लैंडिंग के तुरंत बाद आपातकालीन मेडिकल टीमें मौके पर पहुंचीं और घायलों को प्राथमिक उपचार दिया गया। यात्रियों ने बताया कि टर्बुलेंस इतना अचानक और ज़ोरदार था कि कई लोग अपनी सीटों से उछल गए और सिर या शरीर में चोटें आईं। इस घटना ने एक बार फिर हवाई यात्राओं के दौरान सुरक्षा सावधानियों और सीट बेल्ट पहनने की अहमियत को उजागर कर दिया है। विमानन प्राधिकरण ने जांच शुरू कर दी है ताकि इस अप्रत्याशित घटना के कारणों का पता लगाया जा सके।
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ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में भारतीय छात्र पर नस्लीय हमला, एक आरोपी गिरफ्तार
एक भारतीय छात्र पर नस्लीय हमला होने की खबर ने प्रवासी भारतीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। यह हमला एडिलेड के प्रमुख इलाके में हुआ, जहां एक समूह ने छात्र पर हमला कर उसे बुरी तरह पीट दिया। स्थानीय पुलिस ने इसे नस्लीय नफरत से प्रेरित अपराध मानते हुए जांच शुरू कर दी है और एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया गया है। इस घटना ने ऑस्ट्रेलिया में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सुरक्षा और नस्लीय भेदभाव पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारतीय समुदाय और छात्र संगठनों ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए त्वरित न्याय और ठोस कार्रवाई की मांग की है।

बिजली की तबाही: हर साल अरबों का नुकसान और करोड़ों पेड़ों पर असर
दुनियाभर में बिजली गिरना प्राकृतिक शक्ति का अद्भुत नज़ारा जरूर हो सकता है, लेकिन इसका विनाशकारी असर बहुत गंभीर होता है। हर साल अरबों डॉलर की संपत्ति नष्ट, हजारों लोगों की जान को खतरा और दुनियाभर में करोड़ों पेड़ इसकी चपेट में आते हैं। यह मौसमी घटना सिर्फ पर्यावरण ही नहीं, बल्कि आर्थिक और मानवीय दृष्टिकोण से भी भारी नुकसान पहुंचाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के चलते भविष्य में बिजली गिरने की घटनाओं में और वृद्धि हो सकती है, जिससे वैश्विक स्तर पर सुरक्षा, वन संरक्षण और आपदा प्रबंधन के लिए नई चुनौतियां खड़ी हो रही हैं।

U.S. B-2 बॉम्बर और पैसेंजर फ्लाइट में टला बड़ा हादसा, एयर ट्रैफिक कंट्रोल की लापरवाही पर जांच शुरू
अमेरिका में एक बड़ा हवाई हादसा बाल-बाल टल गया जब एक अत्याधुनिक B-2 स्पिरिट स्टेल्थ बॉम्बर और 80 यात्रियों से भरे एक नागरिक विमान के बीच आसमान में गंभीर 'नियर-मिस' की घटना हुई। यह घटना पूरी तरह नियंत्रित एयरस्पेस में घटी, जिससे एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। हादसे को टालने में पायलटों की सतर्कता ने अहम भूमिका निभाई, लेकिन इसके बावजूद यह घटना अमेरिकी हवाई सुरक्षा के लिए एक बड़ा अलार्म है। घटना की गंभीरता को देखते हुए अब एक उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी गई है, जो यह पता लगाएगी कि किस स्तर पर सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ और भविष्य में ऐसे हादसों से कैसे बचा जा सके।

"अलास्का में 6.2 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप, झटकों से दहले लोग; अधिकारियों ने दिए आफ्टरशॉक के चेतावनी"
सोमवार को अलास्का के एक इलाके में 6.2 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिससे पूरे क्षेत्र में जोरदार झटके महसूस किए गए और लोगों में दहशत फैल गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) ने इस भूकंप की पुष्टि करते हुए बताया कि झटके काफी तीव्र थे और इसका असर बड़े दायरे में महसूस किया गया। भूकंप के बाद आफ्टरशॉक्स की आशंका को देखते हुए अधिकारियों ने लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। फिलहाल जान-माल के नुकसान की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है, लेकिन राहत एजेंसियां स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और आपातकालीन सेवाएं अलर्ट पर हैं।

रूस के सुदूर पूर्व में शक्तिशाली भूकंपों की श्रृंखला, सुनामी अलर्ट जारी और फिर वापस लिया गया
व्लादिवोस्तोक, रूस – रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कुरिल द्वीपसमूह के पास प्रशांत महासागर में बुधवार को 7.4 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप दर्ज किया गया। यह झटका भूकंपों की एक श्रृंखला का हिस्सा था, जिसने क्षेत्रीय अधिकारियों को सुनामी अलर्ट जारी करने के लिए मजबूर कर दिया, जिसे कुछ घंटों बाद वापस ले लिया गया। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, मुख्य भूकंप समुद्र की सतह से करीब 59 किलोमीटर (37 मील) की गहराई में आया और इसका केंद्र सेवेरो-कुरिल्स्क शहर से लगभग 225 किलोमीटर (140 मील) दक्षिण-पूर्व में स्थित था। यह भूकंप एक तीव्र भूकंपीय गतिविधि श्रृंखला का हिस्सा था, जिसमें 5.6 तीव्रता का एक प्रारंभिक झटका (foreshock) और इसके बाद 6.1 तीव्रता का एक और झटका (aftershock) भी दर्ज किया गया – और यह सभी एक घंटे के भीतर महसूस किए गए। स्थानीय अधिकारियों और आपातकालीन सेवाओं ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तटीय इलाकों में लोगों को सतर्क किया और समुद्री गतिविधियों पर अस्थायी रोक लगाई। हालांकि, बाद में सुनामी का कोई बड़ा खतरा न देखते हुए अलर्ट हटा लिया गया।

सऊदी अरब के 'स्लीपिंग प्रिंस' का निधन, 20 वर्षों तक कोमा में रहे थे
लगभग दो दशक तक कोमा में रहने वाले सऊदी राजकुमार अल वलीद बिन खालिद बिन तलाल का निधन हो गया है। उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर "स्लीपिंग प्रिंस" के नाम से जाना जाता था। इस बात की पुष्टि इस सप्ताह उनके परिवार से जुड़े सूत्रों ने की। राजकुमार की जीवन और मृत्यु से जुड़ी यह मार्मिक कहानी, वर्षों से सऊदी जनता सहित पूरी दुनिया की संवेदनाएं और जिज्ञासा का विषय बनी रही। 2005 में एक गंभीर सड़क हादसे के बाद वह कोमा में चले गए थे, और तब से उनकी स्थिति में कोई बड़ा सुधार नहीं हुआ था। परिवार ने उन्हें पूरी श्रद्धा और देखभाल के साथ जीवन में बनाए रखा, इस उम्मीद में कि शायद कोई चमत्कार हो जाए। लेकिन अब 20 साल लंबा यह संघर्ष समाप्त हो गया, और उनके निधन के साथ एक भावनात्मक अध्याय भी समाप्त हो गया है। सऊदी अरब समेत दुनिया भर से लोग सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं और उनके परिवार के प्रति संवेदना जता रहे हैं।