भारत में तेजी से कदम बढ़ा रहा स्टारलिंक, ग्राउंड स्टेशन और स्थानीय साझेदारी से तैयारी तेज07 Sep 25

भारत में तेजी से कदम बढ़ा रहा स्टारलिंक, ग्राउंड स्टेशन और स्थानीय साझेदारी से तैयारी तेज

नई दिल्ली (UNA) : स्पेसएक्स की सैटेलाइट इंटरनेट शाखा स्टारलिंक ने भारतीय बाजार में प्रवेश की तैयारी तेज कर दी है। कंपनी इन्फ्रास्ट्रक्चर और साझेदारी योजनाओं पर तेजी से काम कर रही है, हालांकि अभी अंतिम नियामक मंज़ूरी का इंतज़ार है।

स्टारलिंक ने देशभर में 17 जगहों को चिन्हित कर लिया है, जहाँ उसके ग्राउंड स्टेशन या “गेटवे” स्थापित किए जाएंगे। ये स्टेशन स्टारलिंक के लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट नेटवर्क को भारत की फाइबर ऑप्टिक प्रणाली से जोड़ेंगे। इससे उपभोक्ताओं को तेज़ इंटरनेट और कम लेटेंसी वाली सेवा मिलने की उम्मीद है।

इसी के साथ कंपनी प्रमुख टेलीकॉम ऑपरेटरों और डाटा सेंटर प्रदाताओं के साथ बातचीत कर रही है। टेलीकॉम कंपनियों से साझेदारी होने पर स्टारलिंक को मौजूदा फाइबर नेटवर्क तक पहुँच मिलेगी, जबकि डाटा सेंटर से सहयोग स्थानीय स्तर पर ट्रैफिक संभालने और भारत के डाटा स्थानीयकरण नियमों का पालन करने में मदद करेगा।

स्टारलिंक के आने से भारत के सैटेलाइट ब्रॉडबैंड बाज़ार में प्रतिस्पर्धा और तेज़ हो जाएगी। इस क्षेत्र में भारती समर्थित वनवेब और अमेज़न का प्रोजेक्ट काइपर भी लॉन्च की तैयारी में हैं। इन सभी सेवाओं का फोकस उन इलाकों पर है जहाँ पारंपरिक फाइबर केबल बिछाना मुश्किल है, जैसे दूरदराज़ और ग्रामीण क्षेत्र।

हालाँकि ज़मीनी स्तर पर काम तेज़ी से हो रहा है, लेकिन स्टारलिंक का व्यावसायिक लॉन्च अभी पूरी तरह नियामक मंज़ूरी पर टिका है, खासकर जीएमपीसीएस (ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट) लाइसेंस पर। एक बार मंज़ूरी मिलने के बाद, भारत स्टारलिंक के सबसे बड़े बाज़ारों में से एक बन सकता है और ग्रामीण इलाकों तक इंटरनेट पहुँचाने में बड़ा बदलाव ला सकता है। - UNA

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