"ओवैसी का पाकिस्तान पर तीखा हमला: धार्मिक भेदभाव को बताया ISIS जैसी मानसिकता"28 Apr 25

"ओवैसी का पाकिस्तान पर तीखा हमला: धार्मिक भेदभाव को बताया ISIS जैसी मानसिकता"

हैदराबाद, भारत (UNA) :  – ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला है। ओवैसी ने कहा कि धर्म के आधार पर लोगों को निशाना बनाना, चरमपंथी संगठन आईएसआईएस (ISIS) की मानसिकता जैसा है। हैदराबाद में [तारीख डालें] को एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार पर गंभीर चिंता जताई।

अल्पसंख्यक अधिकारों और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखने के लिए प्रसिद्ध ओवैसी ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभावपूर्ण व्यवहार अस्वीकार्य है और यह वही खतरनाक विचारधारा दर्शाता है जो ISIS अपनाता है। हालाँकि उन्होंने किसी विशेष घटना का उल्लेख नहीं किया, लेकिन उन्होंने साफ कहा कि किसी भी देश को अपने नागरिकों के साथ धर्म के आधार पर अत्याचार नहीं करना चाहिए।

ओवैसी ने कहा,
"धर्म के नाम पर लोगों को निशाना बनाना वही है जो ISIS करता है। किसी भी देश को इस तरह के व्यवहार में लिप्त नहीं होना चाहिए।"
उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि हर देश को अपने सभी नागरिकों के अधिकारों और आज़ादियों की रक्षा करनी चाहिए, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो।

उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब भारत में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार को लेकर बहस और चर्चाएँ चल रही हैं। भारतीय सरकार भी समय-समय पर इन देशों में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और भलाई को लेकर चिंता जताती रही है।

हालांकि ओवैसी अक्सर भारत सरकार की घरेलू नीतियों की आलोचना करते रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान पर उनकी यह आलोचना भारत में व्यापक सहमति को दर्शाती है कि दुनिया भर में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा जरूरी है।

ओवैसी के बयान पर राजनीतिक हलकों से मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। कुछ ने धार्मिक कट्टरता के खिलाफ उनके रुख की सराहना की है, वहीं कुछ ने इसकी टाइमिंग और इसके संभावित प्रभावों पर सवाल उठाए हैं।

फिलहाल पाकिस्तान सरकार की तरफ से ओवैसी के इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन यह तय है कि दक्षिण एशिया में अल्पसंख्यक अधिकारों का मुद्दा बेहद संवेदनशील बना हुआ है और अक्सर भारत और पाकिस्तान के बीच आरोप-प्रत्यारोप का कारण बनता रहा है।

धर्म के नाम पर targeting की निंदा करते हुए ओवैसी का ISIS से तुलना करना यह दिखाता है कि इस मुद्दे को गंभीरता से लेने और हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करने की कितनी ज़रूरत है — चाहे वह भारत हो या पड़ोसी देश। इस मुद्दे पर आने वाले दिनों में और भी प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल सकती हैं। - UNA

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22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस हमले में [हमले के विवरण प्रदान करें, जैसे कितनी जानें गईं, किस आतंकवादी समूह ने जिम्मेदारी ली, यदि ज्ञात हो] और इसके बाद भारतीय सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान को एक कड़ी चेतावनी जारी की है। इस हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तान से सीमा पर सुरक्षा स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताई है। सूत्रों के अनुसार, दोनों देशों के बीच हुई सैन्य वार्ता (डीजीएमओ स्तर) में भारत ने पाकिस्तान को संघर्षविराम उल्लंघनों पर कड़ी चेतावनी दी। यह घटनाक्रम इस बात का संकेत है कि दोनों देशों के बीच स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो सकती है, खासकर जब सुरक्षा संबंधी मुद्दे उठाए जा रहे हैं।