13 अप्रैल 2025 (UNA) : भारत का औद्योगिक उत्पादन फरवरी में गिरकर 2.9% पर आ गया, जो पिछले छह महीनों का सबसे निचला स्तर है। जनवरी में यह 5.2% था, जो फरवरी के मुकाबले काफी अधिक था। 11 अप्रैल को जारी किए गए आंकड़ों से यह बात सामने आई है। यह गिरावट मुख्य रूप से कोर सेक्टर (मुख्य उद्योगों) के प्रदर्शन को दर्शाती है, जो औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में 40% का योगदान देता है।
आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री, अदिति नायर ने कहा, "जैसा कि अपेक्षित था, लीप ईयर का आधार वर्ष फरवरी 2025 में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि को 2.9% तक खींच ले गया, जबकि जनवरी 2025 में यह 5.2% था। यह आंकड़ा आईसीआरए की मासिक भविष्यवाणी (+3 प्रतिशत) के करीब है। फरवरी 2025 में वृद्धि में गिरावट व्यापक थी, जिसमें सभी उपयोग-आधारित श्रेणियों और तीन में से दो क्षेत्रों (बिजली को छोड़कर) में पिछले महीने के मुकाबले धीमी वृद्धि दर्ज की गई।"
मार्च में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, कोर सेक्टर (इन्फ्रास्ट्रक्चर उद्योग) में भी गिरावट आई, जो फरवरी में 2.9% तक घटकर पांच महीने का सबसे निचला स्तर पर पहुंच गया था। इससे पहले जनवरी में यह 5.1% था।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट मुख्य रूप से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला समस्याओं, घरेलू मांग में कमी, और कुछ उद्योगों में उच्च उत्पादन लागत के कारण हुई है। अगर यह ट्रेंड जारी रहता है, तो भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है, और सरकार और रिजर्व बैंक से राहत की आवश्यकता होगी। - UNA