SEBI की जाँच में गड़बड़ी के सबूत न मिलने पर अडानी समूह के शेयरों में तेज़ उछाल19 Sep 25

SEBI की जाँच में गड़बड़ी के सबूत न मिलने पर अडानी समूह के शेयरों में तेज़ उछाल

मुंबई (UNA) : अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर मंगलवार को तेज़ी से उछले, जिनमें कुछ शेयरों में 10% तक की बढ़त देखने को मिली। यह उछाल उन रिपोर्टों के बाद आया, जिनमें संकेत दिया गया कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) को अपनी जाँच में शेयरों में हेरफेर के सबूत नहीं मिले हैं।

यह जाँच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस साल की शुरुआत में शुरू की गई थी। जाँच की पृष्ठभूमि अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोप थे, जिसमें अडानी ग्रुप पर शेयरों में हेरफेर और लेखा-धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, SEBI की समीक्षा में ऐसे प्रमाण नहीं मिले कि संबंधित-पक्ष (रिलेटेड पार्टी) फंड फ्लो का इस्तेमाल शेयर कीमतें बढ़ाने के लिए किया गया हो या फिर अडानी ग्रुप अथवा उसके चेयरमैन गौतम अडानी से जुड़ा कोई इनसाइडर ट्रेडिंग उल्लंघन हुआ हो।

नियामक राहत की ख़बर ने अडानी ग्रुप के शेयरों में मज़बूत रैली को जन्म दिया। प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के शेयर 9% से अधिक चढ़े, जबकि अडानी पोर्ट्स एंड SEZ, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी पावर के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 5% से 10% के बीच बढ़े।

यह उछाल उस समूह के लिए बड़ा सहारा है, जो जनवरी में हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से निवेशकों का भरोसा दोबारा जीतने की कोशिश कर रहा है। उस रिपोर्ट ने भारी बिकवाली को जन्म दिया था, जिससे समूह के बाज़ार मूल्य में चरम पर 100 अरब डॉलर से अधिक की गिरावट आई थी। अडानी ग्रुप लगातार इन आरोपों से इनकार करता रहा है।

विश्लेषकों का कहना है कि ये निष्कर्ष अडानी शेयरों पर लटक रही बड़ी अनिश्चितता को कम करते हैं। हालाँकि, बाज़ार की नज़र अब भी SEBI की अंतिम रिपोर्ट पर टिकी है, जो सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की जाएगी। तब तक निवेशकों के सतर्क रुख अपनाने और किसी भी दीर्घकालिक रेटिंग सुधार से पहले घटनाक्रम पर करीबी नज़र रखने की संभावना है। - UNA

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SEBI की जाँच में गड़बड़ी के सबूत न मिलने पर अडानी समूह के शेयरों में तेज़ उछाल

अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में मंगलवार को ज़बरदस्त उछाल देखने को मिला, जहाँ कुछ शेयरों में 10% तक की बढ़त दर्ज की गई। यह तेजी उस समय आई जब ख़बरें सामने आईं कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अपनी जाँच में स्टॉक मैनिपुलेशन के सबूत नहीं पाए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस साल की शुरुआत में यह जाँच शुरू की गई थी। इसका कारण अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिन्डनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोप थे, जिसमें अडानी समूह पर शेयरों की हेरफेर और अकाउंटिंग धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था। हालाँकि, ताज़ा रिपोर्ट्स के अनुसार SEBI की समीक्षा में न तो फंड फ्लो के माध्यम से शेयर की कीमतें बढ़ाने का कोई सबूत मिला और न ही अडानी समूह या उसके चेयरमैन गौतम अडानी से जुड़े इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों के उल्लंघन के प्रमाण पाए गए।