(UNA) 13 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आयकर विधेयक 2025 पेश किया। यह विधेयक भारत के प्रत्यक्ष कर ढांचे में एक बड़ा बदलाव लाने के लिए तैयार है।
पहली बार 2024 के केंद्रीय बजट में इस विधेयक की घोषणा की गई थी, और अब इसे 1961 के आयकर अधिनियम को प्रतिस्थापित करने के लिए पेश किया गया है। इसका उद्देश्य करदाताओं के लिए कानूनी प्रक्रियाओं को सरल बनाना, अनुपालन आसान करना और पारदर्शिता बढ़ाना है।
आयकर विधेयक 2025 की मुख्य विशेषताएँ
📌 1. सरल और स्पष्ट कर प्रणाली
- नया विधेयक कर कानूनों को 23 अध्यायों और 622 पृष्ठों में समाहित करता है, जबकि 1961 का आयकर अधिनियम 52 अध्यायों और 1,647 पृष्ठों में फैला था।
- पुराने और अप्रासंगिक प्रावधानों को हटा दिया गया है, जिससे कानूनी विवादों में कमी आएगी।
- सीधे और आसान शब्दों में कर कानून लिखे गए हैं, ताकि आम करदाता भी इसे आसानी से समझ सके।
📌 2. 'टैक्स ईयर' की नई अवधारणा
- अब तक कर प्रणाली में वित्तीय वर्ष (Financial Year - FY) और निर्धारण वर्ष (Assessment Year - AY) का उपयोग होता था।
- नया विधेयक 'टैक्स ईयर' की अवधारणा लाएगा, जिससे कर दायर करने की प्रक्रिया सरल और एकरूप होगी।
📌 3. कर स्लैब में कोई बदलाव नहीं
- वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट 2025 में घोषित आयकर दरें यथावत रखी गई हैं।
- इससे करदाताओं के लिए निश्चितता बनी रहेगी और उन्हें कर नियोजन में आसानी होगी।
📌 4. वेतनभोगी करदाताओं के लिए नई कटौतियाँ
नए विधेयक में वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए कर कटौती के नए प्रावधान शामिल किए गए हैं:
- मानक कटौती (Standard Deduction): ₹50,000 या वेतन की राशि, जो भी कम हो।
- रोजगार कर (Employment Tax): पूरी तरह कर कटौती के योग्य।
- ग्रेच्युटी भुगतान (Gratuity Payment): 'भुगतान अधिनियम, 1972' के तहत पूरी तरह कर मुक्त।
📌 5. आभासी डिजिटल संपत्तियों (VDAs) की मान्यता
- क्रिप्टोकरेंसी और NFT जैसी आभासी डिजिटल संपत्तियों (Virtual Digital Assets - VDAs) को अब "संपत्ति" की श्रेणी में शामिल किया गया है।
- इससे इन डिजिटल संपत्तियों के लिए स्पष्ट कर प्रावधान लागू होंगे और सरकार इन पर कर वसूल सकेगी।
संसदीय समीक्षा और लागू करने की समय-सीमा
- इस विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा गया है, जो इसकी समीक्षा कर 10 मार्च 2025 तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
- यदि संसद इसे मंजूरी देती है, तो आयकर अधिनियम 2025, 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होगा।
निष्कर्ष
आयकर विधेयक 2025 भारतीय कर प्रणाली में एक महत्वपूर्ण सुधार है। यह न केवल कर ढांचे को सरल और पारदर्शी बनाएगा, बल्कि डिजिटल संपत्तियों को भी कानूनी रूप से मान्यता देगा। अगले कुछ महीनों में संसद द्वारा समीक्षा और संशोधनों के बाद यह विधेयक लागू किया जाएगा, जिससे करदाताओं और व्यवसायों को एक सुगम और स्पष्ट कर व्यवस्था मिलेगी। -UNA