LTIMindtree के CEO देबाशीष चटर्जी का बयान: ट्रांसफॉर्मेशन प्रोग्राम्स पर खर्च में दिख रही नरमी28 Apr 25

LTIMindtree के CEO देबाशीष चटर्जी का बयान: ट्रांसफॉर्मेशन प्रोग्राम्स पर खर्च में दिख रही नरमी

मुंबई, भारत (UNA) :  — एलटीआईमाइंडट्री (LTIMindtree) के सीईओ देबाशीष चटर्जी ने संकेत दिया है कि व्यवसायों द्वारा परिवर्तन कार्यक्रमों (Transformation Programs) पर विवेकाधीन खर्च (Discretionary Spending) में नरमी देखने को मिल रही है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच कंपनियों का यह सतर्क रवैया आईटी खर्च की प्राथमिकताओं में संभावित बदलाव का संकेत देता है। चटर्जी ने यह टिप्पणी हाल ही में कंपनी के वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही (Q1 FY24) के परिणामों के बाद एक निवेशक कॉल के दौरान की।

चटर्जी ने कहा कि जहां मूलभूत आईटी सेवाएं (Core IT Services) और अनिवार्य रखरखाव परियोजनाएं अब भी मजबूत बनी हुई हैं, वहीं बड़े स्तर के डिजिटल परिवर्तन कार्यक्रमों में स्पष्ट रूप से मंदी देखी जा रही है। ये परियोजनाएं आमतौर पर विवेकाधीन बजट से संचालित होती हैं और दीर्घकालिक रणनीतिक लक्ष्यों पर केंद्रित होती हैं, लेकिन अब इन पर पहले से कहीं ज्यादा समीक्षा और संभावित देरी की जा रही है।

चटर्जी ने कहा,
"हम देख रहे हैं कि विवेकाधीन खर्च, खासकर बड़े परिवर्तन सौदों में, सतर्कता के साथ किया जा रहा है। ग्राहक उन परियोजनाओं को प्राथमिकता दे रहे हैं जो तुरंत रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट (ROI) और स्पष्ट लागत बचत दिखा सकें।"

यह प्रवृत्ति पूरे आईटी सेवा क्षेत्र में देखने को मिल रही है, जहां कंपनियों पर चुनौतीपूर्ण आर्थिक माहौल में त्वरित और मूर्त परिणाम देने का दबाव बढ़ रहा है। अब व्यवसाय अपने आईटी बजट का पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं और उन परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो निकट भविष्य में दक्षता बढ़ा सकें और मुनाफे पर सीधा प्रभाव डालें।

हालांकि विभिन्न उद्योगों में इस मंदी का प्रभाव अलग-अलग हो सकता है। उपभोक्ता खर्च पर निर्भर और आर्थिक दबाव का सामना कर रहे क्षेत्रों में परिवर्तन कार्यक्रमों पर खर्च में ज्यादा तेज गिरावट देखने को मिल सकती है। वहीं, आवश्यक सेवाओं से जुड़े या कम आर्थिक अस्थिरता झेलने वाले सेक्टर अपेक्षाकृत स्थिर निवेश जारी रख सकते हैं।

इसके बावजूद, एलटीआईमाइंडट्री डिजिटल परिवर्तन (Digital Transformation) की दीर्घकालिक संभावनाओं को लेकर आशावादी बनी हुई है। कंपनी का कहना है कि वह ग्राहकों को वर्तमान आर्थिक माहौल में मार्गदर्शन देने के लिए मूल्य-आधारित समाधान (Value-Driven Solutions) प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। दक्षता बढ़ाने और ठोस आरओआई प्रदान करने के जरिये, एलटीआईमाइंडट्री खुद को उन कंपनियों के लिए एक रणनीतिक साझेदार (Strategic Partner) के रूप में स्थापित करना चाहती है जो अपने आईटी निवेश का सर्वोत्तम उपयोग करना चाहती हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि विवेकाधीन खर्च में आई इस सुस्ती के चलते आईटी सेवा - के बीच प्रतिस्पर्धा और तेज हो सकती है। कंपनियों को ग्राहकों की जरूरतों की गहरी समझ दिखाते हुए नवीन समाधान (Innovative Solutions) पेश करने होंगे जो वास्तविक और मापनीय मूल्य प्रदान कर सकें।

फिलहाल बाजार की स्थिति काफी गतिशील बनी हुई है, और आने वाले तिमाहियों में व्यवसायों के खर्च करने के तरीकों पर बाजार विशेषज्ञ करीबी नजर बनाए रखेंगे। एलटीआईमाइंडट्री की यह टिप्पणी आईटी सेवा क्षेत्र की वर्तमान स्थिति और ग्राहकों की बदलती प्राथमिकताओं का एक अहम संकेत मानी जा रही है। - UNA

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस सप्ताह एक नए ओपन मार्केट ऑपरेशन (OMO) खरीद दौर की घोषणा की है, जिसका मकसद वित्तीय प्रणाली में नकदी प्रवाह बढ़ाना और बढ़ती बॉन्ड यील्ड्स पर काबू पाना है। इस कदम से बाजार में फैली तरलता की कमी को दूर करने और सरकारी प्रतिभूति (गवर्नमेंट सिक्योरिटीज) बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को रोकने की कोशिश की जा रही है। ओएमओ के तहत आरबीआई बाजार से सरकारी बॉन्ड खरीदता है, जिससे बैंकिंग सिस्टम में नकदी की आपूर्ति बढ़ती है। आमतौर पर नकदी में इस तरह की बढ़ोतरी से बॉन्ड की मांग बढ़ती है, जिससे उनके दाम चढ़ते हैं और यील्ड घटती है। आरबीआई का यह ताजा फैसला मौजूदा आर्थिक माहौल में स्थिरता बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, खासतौर पर तब जब बाजार तरलता संकट और ब्याज दरों में संभावित उछाल को लेकर चिंतित था।