एशियाई शेयर बाजारों में धीमी शुरुआत, निवेशक बड़ी आर्थिक घोषणाओं और आय रिपोर्ट्स के इंतजार में सतर्क29 Apr 25

एशियाई शेयर बाजारों में धीमी शुरुआत, निवेशक बड़ी आर्थिक घोषणाओं और आय रिपोर्ट्स के इंतजार में सतर्क

टोक्यो, जापान (UNA) :  – एशियाई शेयर बाजारों ने सोमवार सुबह सतर्क रुख के साथ कारोबार की शुरुआत की, क्योंकि निवेशक इस हफ्ते आने वाली बड़ी संख्या में कॉरपोरेट नतीजों का इंतजार कर रहे हैं। क्षेत्रीय आर्थिक आंकड़ों के मिले-जुले संकेत और वैश्विक मुद्रास्फीति को लेकर बनी चिंताओं ने भी बाजार के माहौल को कुछ हद तक दबाव में रखा है।

शुरुआती कारोबार में प्रमुख सूचकांकों में मिला-जुला प्रदर्शन देखने को मिला। जापान का निक्केई 225 सूचकांक हल्की गिरावट के साथ खुला, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक मामूली बढ़त में रहा। दक्षिण कोरिया का कोस्पी सूचकांक भी सकारात्मक दायरे में सतर्क कारोबार कर रहा था। वहीं, मुख्यभूमि चीन का शंघाई कंपोजिट लगभग स्थिर खुला।

विश्लेषकों के मुताबिक सप्ताह की इस सतर्क शुरुआत का मुख्य कारण कॉरपोरेट नतीजों को लेकर बनी प्रत्याशा है। सियोल स्थित मिराए एसेट सिक्योरिटीज की विश्लेषक किम मिन-जी ने कहा,
"यह सप्ताह खासकर तकनीकी क्षेत्र के लिए बेहद अहम है। निवेशक यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि कंपनियाँ बढ़ती महंगाई और आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं के बीच भविष्य में किस तरह प्रदर्शन करेंगी और लाभप्रदता बनाए रखेंगी।"

एशिया की प्रमुख टेक कंपनियों और विनिर्माताओं के नतीजे इस हफ्ते जारी होंगे, जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था की सेहत पर एक स्पष्ट तस्वीर मिल सकती है। निवेशक इन रिपोर्ट्स में कंपनियों की मजबूती और बदलते हालात के अनुरूप अनुकूलन क्षमता के संकेत ढूंढ रहे हैं।

कॉरपोरेट नतीजों के अलावा, निवेशक ताजा आर्थिक आंकड़ों पर भी नजर बनाए हुए हैं। हाल ही में कई एशियाई देशों से आए मुद्रास्फीति के आंकड़े मिले-जुले रहे हैं, जिससे ब्याज दरों के भविष्य को लेकर अनिश्चितता और बढ़ गई है। दुनिया भर में केंद्रीय बैंकों द्वारा और अधिक मौद्रिक सख्ती किए जाने की आशंका भी निवेशकों के मन में बनी हुई है।

सिंगापुर स्थित एक निवेश कंपनी के वरिष्ठ रणनीतिकार डेविड वोंग ने टिप्पणी की,
"फिलहाल बाजार 'इंतजार करो और देखो' की स्थिति में है। जब तक निवेशकों को कॉरपोरेट नतीजों और मौद्रिक नीतियों के संभावित प्रभाव को लेकर स्पष्टता नहीं मिलती, वे कोई बड़ा कदम उठाने से बच रहे हैं।"

हालांकि फिलहाल माहौल सतर्क है, कुछ विशेषज्ञ एशियाई बाजारों के दीर्घकालिक भविष्य को लेकर आशावादी बने हुए हैं। वे क्षेत्र की मजबूत आर्थिक नींव और तकनीकी व नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में आगे बढ़ने की संभावनाओं को उजागर कर रहे हैं।

लेकिन इस समय ध्यान पूरी तरह आगामी नतीजों पर केंद्रित है, जो एशियाई अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति और भविष्य के रुझानों को लेकर अहम संकेत देंगे। आगामी दिनों में नतीजों की भारी भरमार के बीच निवेशक एक संभावित अस्थिर कारोबारी सप्ताह के लिए तैयार हो रहे हैं। - UNA

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस सप्ताह एक नए ओपन मार्केट ऑपरेशन (OMO) खरीद दौर की घोषणा की है, जिसका मकसद वित्तीय प्रणाली में नकदी प्रवाह बढ़ाना और बढ़ती बॉन्ड यील्ड्स पर काबू पाना है। इस कदम से बाजार में फैली तरलता की कमी को दूर करने और सरकारी प्रतिभूति (गवर्नमेंट सिक्योरिटीज) बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को रोकने की कोशिश की जा रही है। ओएमओ के तहत आरबीआई बाजार से सरकारी बॉन्ड खरीदता है, जिससे बैंकिंग सिस्टम में नकदी की आपूर्ति बढ़ती है। आमतौर पर नकदी में इस तरह की बढ़ोतरी से बॉन्ड की मांग बढ़ती है, जिससे उनके दाम चढ़ते हैं और यील्ड घटती है। आरबीआई का यह ताजा फैसला मौजूदा आर्थिक माहौल में स्थिरता बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, खासतौर पर तब जब बाजार तरलता संकट और ब्याज दरों में संभावित उछाल को लेकर चिंतित था।