गूगल पे ने बिजली, पानी और रसोई गैस के बिल भुगतान पर कार्ड लेनदेन के लिए सुविधा शुल्क लागू किया20 Feb 25

गूगल पे ने बिजली, पानी और रसोई गैस के बिल भुगतान पर कार्ड लेनदेन के लिए सुविधा शुल्क लागू किया

20 फरवरी 2025 (UNA) : 

डिजिटल भुगतान सेवा प्रदाता गूगल पे ने अब बिजली, पानी और रसोई गैस के बिलों के भुगतान पर क्रेडिट और डेबिट कार्ड से किए गए लेनदेन पर सुविधा शुल्क (Convenience Fee) लेना शुरू कर दिया है। यह नया शुल्क केवल उन ग्राहकों पर लागू होगा जो अपने बिलों का भुगतान कार्ड के माध्यम से कर रहे हैं, जबकि बैंक खातों से यूपीआई (UPI) के जरिए किए गए भुगतान अभी भी निशुल्क रहेंगे।

सुविधा शुल्क की दरें और प्रभाव

गूगल पे द्वारा लागू किए गए इस सुविधा शुल्क की दर 0.5 प्रतिशत से 1 प्रतिशत के बीच होगी। इसके अतिरिक्त, इस शुल्क पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) भी लगाया जाएगा, जिससे ग्राहकों को अतिरिक्त भुगतान करना होगा।

  • क्रेडिट और डेबिट कार्ड से बिल भुगतान करने पर शुल्क लागू होगा।
  • यूपीआई (UPI) के जरिए बैंक खाते से भुगतान करने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा।
  • सुविधा शुल्क 0.5% से 1% के बीच होगा, और उस पर GST भी लगेगा।

गूगल पे का यह कदम क्यों?

गूगल पे द्वारा यह निर्णय फिनटेक कंपनियों की प्रोसेसिंग लागत (Processing Cost) को पूरा करने और एक टिकाऊ राजस्व मॉडल (Sustainable Revenue Model) विकसित करने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है। इससे पहले, गूगल पे ने मोबाइल रिचार्ज पर 3 रुपये का सुविधा शुल्क लागू किया था।

ग्राहकों पर असर

इस कदम से उन ग्राहकों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ सकता है जो नियमित रूप से कार्ड का उपयोग करके बिलों का भुगतान करते हैं। हालांकि, यूपीआई के माध्यम से भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

डिजिटल भुगतान उद्योग में बदलाव

गूगल पे के इस कदम से यह संकेत मिलता है कि अन्य डिजिटल भुगतान कंपनियां भी भविष्य में अपनी प्रोसेसिंग लागत को पूरा करने के लिए इसी तरह के शुल्क लागू कर सकती हैं। इससे डिजिटल भुगतान क्षेत्र में शुल्क आधारित मॉडल को अपनाने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है।

गूगल पे द्वारा कार्ड से किए गए बिल भुगतान पर सुविधा शुल्क लागू करने का निर्णय डिजिटल भुगतान के परिदृश्य को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, यूपीआई आधारित बैंक भुगतान को शुल्क मुक्त बनाए रखने से ग्राहकों को एक वैकल्पिक सुविधा मिलती रहेगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि अन्य डिजिटल भुगतान कंपनियां इस बदलाव पर कैसे प्रतिक्रिया देती हैं और क्या वे भी इसी तरह के कदम उठाती हैं। -UNA

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