"700 से ज़्यादा शहरों में गूंजा 'शर्म करो!': ट्रंप नीतियों के खिलाफ अमेरिका में ज़बरदस्त प्रदर्शन"20 Apr 25

"700 से ज़्यादा शहरों में गूंजा 'शर्म करो!': ट्रंप नीतियों के खिलाफ अमेरिका में ज़बरदस्त प्रदर्शन"

20 अप्रैल 2025 (UNA) : अमेरिका में एक बार फिर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों और नेतृत्व के खिलाफ जनाक्रोश देखने को मिला। वॉशिंगटन डीसी से लेकर सैन फ्रांसिस्को तक हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। उन्होंने ‘शर्म करो’ जैसे नारे लगाए, हाथों में तख्तियां और बैनर लिए और व्हाइट हाउस के बाहर भी जमकर विरोध प्रदर्शन किया।

इन प्रदर्शनों में गहरी चिंता, गुस्सा और डर साफ झलक रहा था। लोगों ने ट्रंप प्रशासन पर नागरिक अधिकारों के उल्लंघन, सत्ता का दुरुपयोग और तानाशाही रवैये का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि ट्रंप के नेतृत्व में लोकतंत्र की नींव हिल रही है और उनकी नीतियां आम नागरिकों की स्वतंत्रता को खतरे में डाल रही हैं।

ये विरोध प्रदर्शन उस व्यापक आंदोलन की कड़ी थे, जो दो हफ्ते पहले अमेरिका के अलग-अलग शहरों और कस्बों में शुरू हुआ था। हालांकि इस बार न्यूयॉर्क और शिकागो जैसे शहरों में भीड़ पहले से थोड़ी कम थी, लेकिन फिर भी प्रदर्शनकारियों की संख्या कम नहीं थी।

एडवोकेसी ग्रुप 50501 के मुताबिक, देशभर में 700 से ज़्यादा जगहों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए। इससे यह साफ है कि लोगों में ट्रंप प्रशासन के खिलाफ नाराज़गी कम नहीं हुई है, बल्कि समय के साथ और भी मजबूत होती जा रही है।

ट्रंप की नीतियों के खिलाफ यह जन आंदोलन अब महज कुछ शहरों तक सीमित नहीं रह गया, बल्कि यह एक राष्ट्रीय विरोध का रूप ले चुका है, जो अमेरिका के लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए खड़ा हो रहा है। - UNA

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तुर्की रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में मीडिया रिपोर्ट्स का सख्त खंडन किया है, जिनमें यह आरोप लगाया गया था कि तुर्की ने पाकिस्तान को हथियारों से भरे छह विमान भेजे। मंत्रालय के सूत्रों ने इन रिपोर्ट्स को "पूरी तरह से निराधार" और "जानबूझकर भ्रामक" करार दिया। यह आरोप इस सप्ताह की शुरुआत में विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर उभरे थे, और बाद में कुछ समाचार आउटलेट्स में भी इनका प्रसार हुआ था। रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि तुर्की सरकार ने पाकिस्तान को सैन्य उपकरण भेजने के लिए कई मालवाहन विमान भेजे, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह कदम क्षेत्रीय संघर्षों में सहायता करने या पाकिस्तानी सैन्य क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया था।