आईआईटी मद्रास और इसरो का स्वदेशी एयरोस्पेस-गुणवत्ता वाले सेमीकंडक्टर चिप का विकास11 Feb 25

आईआईटी मद्रास और इसरो का स्वदेशी एयरोस्पेस-गुणवत्ता वाले सेमीकंडक्टर चिप का विकास

फरवरी 2025 (UNA) -

भारत के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) मद्रास और इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने मिलकर एक स्वदेशी एयरोस्पेस-गुणवत्ता वाले सेमीकंडक्टर चिप का विकास किया है। इस चिप का नाम IRIS (Indigenous RISCV Controller for Space Applications) है, और यह शक्ती प्रोसेसर पर आधारित है। इसे अंतरिक्ष और अन्य क्षेत्रों की कंप्यूटिंग आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

  1. विकास और निर्माण: इस चिप की अवधारणा इसरो की इनर्शियल सिस्टम्स यूनिट (IISU), तिरुवनंतपुरम द्वारा की गई थी। इसका डिज़ाइन और कार्यान्वयन आईआईटी मद्रास द्वारा किया गया था, जबकि इसे चंडीगढ़ स्थित सेमीकंडक्टर लैबोरेटरी (SCL) में निर्मित किया गया था। इसकी पैकेजिंग कर्नाटका में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स द्वारा की गई, और मदरबोर्ड पीसीबी गुजरात में पीसीबी पावर द्वारा निर्मित किया गया। इसे चेन्नई में सिरमा एसजीएस द्वारा असेंबल और माउंट किया गया, और सॉफ़्टवेयर का विकास आईआईटी मद्रास द्वारा किया गया।

  2. IRIS चिप की विशेषताएँ: IRIS चिप की कॉन्फ़िगरेशन इसरो के मिशनों में प्रयुक्त सेंसर्स और सिस्टम्स की कंप्यूटिंग आवश्यकताओं को पूरा करती है। इसमें शक्ती कोर के साथ fault-tolerant आंतरिक मेमोरी का एकीकरण किया गया है, जिससे विश्वसनीयता बढ़ती है। इसमें कस्टम कार्यात्मक और पेरिफेरल इंटरफ़ेस मॉड्यूल्स भी शामिल हैं। चिप में कई बूट मोड और हाइब्रिड मेमोरी/डिवाइस एक्सटेंशन इंटरफ़ेस हैं।

  3. महत्व: यह विकास 'आत्मनिर्भर भारत' (स्वदेशी भारत) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, विशेष रूप से अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों और सेमीकंडक्टर निर्माण में। इसरो का लक्ष्य इस नियंत्रक पर आधारित उत्पाद का उड़ान परीक्षण करना है।

  4. शक्ती माइक्रोप्रोसेसर परियोजना: शक्ती माइक्रोप्रोसेसर परियोजना का नेतृत्व आईआईटी मद्रास के वी कामकोटी द्वारा किया जा रहा है और यह RISC-V, एक ओपन-सोर्स इंस्ट्रक्शन सेट आर्किटेक्चर (ISA) पर आधारित है। यह परियोजना डिजिटल इंडिया RISC-V (DIRV) पहल के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा समर्थित है।

  5. सेमीकंडक्टर इंडिया कार्यक्रम: यह स्वदेशी चिप लॉन्च, सेमीकंडक्टर इंडिया कार्यक्रम के व्यापक उद्देश्य के अनुरूप है, जिसे दिसंबर 2021 में मंजूरी मिली थी। यह कार्यक्रम भारत में एक व्यापक सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के उद्देश्य से है, जिसकी कुल राशि 76,000 करोड़ रुपये है।

  6. बयान: इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन ने कहा कि भारतीय संसाधनों से IRIS नियंत्रक का सफल विकास, सेमीकंडक्टर डिज़ाइन और निर्माण में 'मेक इन इंडिया' प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सेमीकंडक्टर लैबोरेटरी के निदेशक जनरल कमलजीत सिंह ने कहा कि SCL को आईआईटी मद्रास और इसरो के साथ सहयोग करने पर गर्व है और वे स्वदेशी उत्पादों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

  7. बाजार वृद्धि: भारत में सेमीकंडक्टर बाजार 2026 तक 63 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। -  UNA

Related news

भारत 2027 में चंद्रयान-4 मिशन लॉन्च करेगा, समुद्रयान 2026 में होगा रवाना14 Feb 25

भारत 2027 में चंद्रयान-4 मिशन लॉन्च करेगा, समुद्रयान 2026 में होगा रवाना

भारत 2027 में चंद्रयान-4 मिशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है, जिसमें चंद्रमा से नमूने एकत्र करने के लिए दो LVM-3 रॉकेट का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा, गगनयान मिशन 2028 में और समुद्र की गहराइयों की खोज के लिए समुद्रयान मिशन 2026 में लॉन्च किया जाएगा। आने वाले वर्षों में भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है।