कोलकाता (UNA) : – तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने अपनी वार्षिक शहीद दिवस (Martyrs' Day) रैली में 2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के लिए एक स्पष्ट रणनीतिक रोडमैप पेश किया है।
शहर के मध्य में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने TMC को बंगाल की विशिष्ट पहचान के प्राथमिक रक्षक के रूप में प्रस्तुत किया। इस आयोजन के दौरान मुख्य संदेश, जिसे बार-बार रेखांकित किया गया, वह था बंगाली भाषा और विरासत की सांस्कृतिक अतिक्रमण के रूप में परोक्ष रूप से तैयार किए गए खतरे से रक्षा।
'बाहरी' बनाम 'बंगाली अस्मिता' की लड़ाई
यह रणनीतिक बदलाव राज्य के प्रमुख विपक्षी दल, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए एक सीधा जवाब प्रतीत होता है। क्षेत्रीय गौरव का समर्थन करके, TMC BJP को एक "बाहरी ताकत" के रूप में चित्रित करने का काम कर रही है, जो स्थानीय संस्कृति और लोकाचार के लिए संभावित खतरा है। रैली में वक्ताओं ने बंगाली विशिष्टता और इसे सुरक्षित रखने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे "बंगाल बनाम बाहरी" चुनावी लड़ाई के लिए मंच तैयार हुआ।
खास बात यह है कि रैली के भाषण में BJP के लंबे समय से चले आ रहे "अल्पसंख्यक तुष्टीकरण" के आरोपों का मुकाबला करने का भी सचेत प्रयास शामिल था। अपने मुख्य समर्थन आधारों को नहीं छोड़ते हुए, TMC नेतृत्व ने बंगाल की समावेशी हिंदू परंपराओं का संयमित उल्लेख किया। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का सुझाव है कि यह हिंदू मतदाताओं के बीच अपनी अपील को व्यापक बनाने और BJP के प्राथमिक राजनीतिक आधार को बेअसर करने का एक रणनीतिक कदम है। ध्यान विशिष्ट जनसंख्या खंडों पर कम था और एक एकीकृत बंगाली पहचान पर अधिक था जो सभी निवासियों को समाहित करता है।
रैली का ऐतिहासिक महत्व और भविष्य की रणनीति
यह वार्षिक रैली 1993 में पुलिस फायरिंग में मारे गए 13 युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की याद में मनाई जाती है, जब ममता बनर्जी, जो तब कांग्रेस नेता थीं, के नेतृत्व में एक विरोध प्रदर्शन हुआ था।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रैली में कहा कि अगर बंगाली भाषी लोगों पर अन्य राज्यों में अत्याचार बंद नहीं होता है, तो उनकी पार्टी दिल्ली तक इस लड़ाई को ले जाएगी। उन्होंने भाजपा पर "भाषाई आतंकवाद" फैलाने और बंगाली अस्मिता को नष्ट करने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि 27 जुलाई के बाद हर शनिवार और रविवार को बंगाली भाषा पर होने वाले उत्पीड़न के खिलाफ TMC विरोध प्रदर्शन करेगी। उन्होंने 'दुर्गा आंगन' बनाने का भी जिक्र किया, जिसे बंगाली संस्कृति के संरक्षण के रूप में देखा जा रहा है।
पश्चिम बंगाल 2026 की ओर देख रहा है, तो लड़ाई सिर्फ शासन पर नहीं, बल्कि संस्कृति और पहचान के मूलभूत मुद्दों पर भी तेजी से खींची जा रही है। TMC की शहीद दिवस रैली ने इस नए राजनीतिक मुकाबले के लिए आधिकारिक पर्दाफाश का काम किया है, जिसमें बंगाली गौरव को इसका केंद्रीय विषय बनाया गया है। - UNA