संसद के मानसून सत्र से पहले विपक्ष हमलावर: NEET घोटाला, मणिपुर हिंसा और सुरक्षा मुद्दों पर PM से जवाब की मांग20 Jul 25

संसद के मानसून सत्र से पहले विपक्ष हमलावर: NEET घोटाला, मणिपुर हिंसा और सुरक्षा मुद्दों पर PM से जवाब की मांग

नई दिल्ली (UNA) : – संसद के आगामी मानसून सत्र के लिए मंच तैयार हो गया है, जिसमें विपक्षी दलों ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर बयान देने की पुरजोर मांग की है। इन मुद्दों में हालिया परीक्षा अनियमितताएं (examination irregularities), मणिपुर में जारी हिंसा (ongoing violence), और जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमलों (terror attacks) की हालिया श्रृंखला शामिल है।

संसद के आगामी सत्र के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) द्वारा बुलाई गई पारंपरिक सर्वदलीय बैठक में ये मांगें औपचारिक रूप से रखी गईं।

बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए, वरिष्ठ कांग्रेस नेता गौरव गोगोई (Gaurav Gogoi) ने विपक्ष के एजेंडे की रूपरेखा बताई। गोगोई ने कहा, "हमने मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के दोनों सदनों में तीन प्रमुख मुद्दों पर बयान दें।" उन्होंने विशेष रूप से NEET-UG और UGC-NET परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं, मणिपुर में लगातार चल रहे जातीय संघर्ष, और जम्मू क्षेत्र में हाल ही में हुए आतंकवादी हमलों की श्रृंखला का उल्लेख किया।

विपक्ष का यह एकजुट रुख इन मोर्चों पर सरकार को जवाबदेह ठहराने के उनके इरादे का संकेत देता है। परीक्षा विवाद ने लाखों छात्रों को प्रभावित किया है, जिससे देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसियों की अखंडता पर सवाल उठ रहे हैं। इसी तरह, मणिपुर की स्थिति, जो एक साल से अधिक समय से जारी है, और जम्मू-कश्मीर में हाल की सुरक्षा चुनौतियां बहस के प्रमुख बिंदु होने की उम्मीद है।

सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने नेताओं को आश्वासन दिया कि केंद्र सदन के नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है। उन्होंने सभी दलों से सहयोग का आग्रह करते हुए एक रचनात्मक और उत्पादक सत्र के लिए सरकार की इच्छा दोहराई।

जबकि कांग्रेस द्वारा उजागर किए गए तीन मुद्दे विपक्ष की मांगों का मुख्य केंद्र थे, अन्य दलों ने भी मूल्य वृद्धि और रेलवे सुरक्षा से लेकर अग्निपथ योजना तक विभिन्न चिंताओं को उठाया।

मानसून सत्र, जो आम चुनावों के बाद 18वीं लोकसभा का पहला पूर्ण सत्र होगा, पर बारीकी से नज़र रखी जाएगी। एक मजबूत विपक्ष के साथ, संसद के भीतर की गतिशीलता काफी अलग होने की उम्मीद है। यह सत्र सोमवार, 22 जुलाई को शुरू होने वाला है और 12 अगस्त को समाप्त होगा। नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव भी इसी सत्र के दौरान किया जाएगा। - UNA

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"ध्यान से सुनिए" — राज्यसभा में जयशंकर का विपक्ष को करारा जवाब, ट्रंप-मोदी कॉल के दावे को किया खारिज31 Jul 25

"ध्यान से सुनिए" — राज्यसभा में जयशंकर का विपक्ष को करारा जवाब, ट्रंप-मोदी कॉल के दावे को किया खारिज

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा में सोमवार को विपक्ष को तीखा और स्पष्ट संदेश देते हुए अमेरिका और भारत के बीच कूटनीतिक बातचीत को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों को सिरे से खारिज कर दिया। ट्रंप-मोदी के बीच कथित फोन कॉल को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए जयशंकर ने कहा, "कृपया ध्यान से सुनिए, कोई कॉल नहीं हुआ था।" उनका यह बयान सदन में तीव्र बहस का केंद्र बन गया, जहां उन्होंने तथ्यों के साथ विपक्ष के दावे को नकारा और कहा कि विदेश मंत्रालय की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और तथ्यात्मक रही है। जयशंकर के इस रुख ने न केवल विपक्ष की रणनीति को चुनौती दी, बल्कि यह भी दर्शाया कि सरकार विदेश नीति के मामलों में किसी भी तरह की अफवाह या गलत जानकारी को लेकर गंभीर है। विपक्ष ने जहां इस मुद्दे को लेकर जांच की मांग की है, वहीं सरकार ने इसे 'राजनीतिक नौटंकी' करार दिया है।