श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर (UNA) : — पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद कांग्रेस के एक विधायक के बयान ने जबरदस्त विवाद खड़ा कर दिया है। विधायक ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, "क्या आतंकियों के पास धर्म पूछने का समय होता है?" इस टिप्पणी के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों और जनता के बीच तीखी बहस छिड़ गई है।
यह बयान उस वक्त आया जब पहलगाम में एक घातक आतंकी हमले में [यहां हमले का संक्षिप्त विवरण जोड़ें - जैसे: पर्यटकों को निशाना बनाते हुए हुए हमले में X लोगों की मौत हो गई]। पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए और हमले की निंदा करते हुए, विधायक द्वारा आतंकियों के धार्मिक पहलुओं को लेकर दिया गया बयान कई लोगों को असंवेदनशील और मुद्दे से भटकाने वाला लगा है।
विधायक ने कहा, "आतंकवाद एक जटिल समस्या है, जिसकी जड़ें सामाजिक-आर्थिक स्थितियों, राजनीतिक असंतोष और वैचारिक कट्टरता में भी हैं। केवल आतंकियों के धर्म पर ध्यान केंद्रित करना समस्या के मूल कारणों से ध्यान हटाना है।"
विधायक की इस टिप्पणी पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। [यहां विपक्षी नेता या पार्टी का नाम जोड़ें] ने कहा, "यह कहना कि आतंकवाद में धर्म की कोई भूमिका नहीं है, एक खतरनाक सरलीकरण है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कट्टरपंथी विचारधाराएं अक्सर धार्मिक आधार पर ही लोगों को हिंसा के लिए प्रेरित और भर्ती करती हैं।"
सोशल मीडिया पर भी जनता ने जमकर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। कई लोगों ने विधायक के बयान को गुस्से और निराशा के साथ लिया है। उनका कहना है कि जहां सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक कारण महत्वपूर्ण हैं, वहीं धार्मिक कट्टरता के प्रभाव को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। वहीं, कुछ लोग विधायक के समर्थन में भी सामने आए हैं, जो मानते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपराधी की मंशा से ज़्यादा ज़रूरी है उसे रोकना।
कांग्रेस पार्टी ने अभी तक इस विवादास्पद बयान पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि नेतृत्व इस मामले की गंभीरता को समझ रहा है और आने वाले दिनों में इस पर प्रतिक्रिया दे सकता है।
यह विवाद ऐसे समय पर सामने आया है जब जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों द्वारा आतंकवाद के खिलाफ अभियान लगातार जारी है। विधायक के बयान से उपजा यह विवाद एक बार फिर यह दिखाता है कि संघर्षग्रस्त इलाकों में धर्म और आतंकवाद के रिश्ते पर चर्चा कितनी जटिल और संवेदनशील हो सकती है। इस बयान का क्षेत्र की राजनीति पर भविष्य में क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। - UNA