बोकारो, झारखंड (UNA) : बुधवार को बोकारो में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई, जब एक महिला नक्सली ने सीधे जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) के आवास पर पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, महिला ने गेट पर तैनात सुरक्षा गार्ड से अपनी पहचान बताई और सरेंडर करने की इच्छा जताई।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, महिला ने खुद को एक सक्रिय नक्सली सदस्य के रूप में पेश किया है। उसने दावा किया कि वह क्षेत्र में सक्रिय एक नक्सली संगठन से जुड़ी रही है और कुख्यात "ऑपरेशन डकाबेड़ा" के दौरान भी मौजूद थी। हालांकि, ऑपरेशन में उसकी भूमिका को लेकर अभी स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "वह सीधे गेट पर आई, गार्ड को बताया कि वह सरेंडर करना चाहती है, जिसके बाद उसे पूछताछ के लिए भीतर लाया गया।" पुलिस अब उसके दावों की जांच कर रही है और उसके अतीत तथा संगठन से जुड़े अन्य लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही है।
गौरतलब है कि ऑपरेशन डकाबेड़ा एक महत्वपूर्ण एंटी-नक्सल अभियान रहा है, हालांकि इस ऑपरेशन से जुड़ी विस्तृत जानकारी इस समय उपलब्ध नहीं है।
यह सरेंडर ऐसे समय हुआ है जब झारखंड में सुरक्षाबल नक्सलवाद के खिलाफ अपने अभियानों को तेज कर चुके हैं। राज्य सरकार लगातार नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रोत्साहित कर रही है और उन्हें पुनर्वास योजनाओं के तहत मदद और न्यायसंगत प्रक्रिया का भरोसा दे रही है।
बोकारो पुलिस इस आत्मसमर्पण को पूरी सावधानी के साथ संभाल रही है। अधिकारी महिला के दावों की सत्यता की जांच कर रहे हैं और यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि वह किन परिस्थितियों में संगठन छोड़ने के लिए मजबूर हुई। इसके साथ ही यह भी प्रयास किया जा रहा है कि उससे संगठन के अन्य सदस्यों और उनकी गतिविधियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ हासिल की जा सकें।
पुलिस अधिकारी ने कहा, "हम इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। उसकी गवाही से नक्सली संगठनों की वर्तमान रणनीतियों का पता चल सकता है और आगे और भी सरेंडर या गिरफ्तारियों की राह खुल सकती है।"
यह आत्मसमर्पण नक्सली नेटवर्क को तोड़ने के सरकारी प्रयासों का एक अहम संकेत माना जा रहा है। अब देखना होगा कि इस घटना का बोकारो और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था पर क्या असर पड़ता है। पुलिस ने जनता को आश्वस्त किया है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, और भी जानकारियाँ सार्वजनिक की जाएंगी। - UNA