वॉशिंगटन डीसी/नई दिल्ली (UNA) : – खालिस्तान समर्थक नेटवर्क पर चल रही कार्रवाई में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया है। भारत ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के एक कथित प्रमुख ऑपरेटिव पवित्तर बटाला के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसे हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका में हिरासत में लिया गया है।
बटाला को अमेरिकी कानून प्रवर्तन द्वारा की गई समन्वित छापेमारी की एक श्रृंखला के दौरान अमेरिकी हिरासत में लिया गया था। रिपोर्टों के अनुसार, इन अभियानों में फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI), विशेष SWAT टीमें और अन्य संघीय एजेंसियां शामिल थीं, और ये कैलिफोर्निया, नेवादा और न्यूयॉर्क सहित कई राज्यों में फैले हुए थे। वह वर्तमान में आगे की कानूनी कार्यवाही लंबित रहने तक संघीय हिरासत में है।
भारतीय अधिकारी बटाला पर सिख उग्रवाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में कथित संलिप्तता और BKI से उसके जुड़ाव के लिए नज़र रख रहे थे। BKI को भारत, यूरोपीय संघ, कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका में एक आतंकवादी समूह के रूप में प्रतिबंधित किया गया है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, एक औपचारिक प्रत्यर्पण अनुरोध (formal extradition request) तैयार किया गया है और इसे राजनयिक चैनलों के माध्यम से अमेरिकी न्याय विभाग को भेजा जाएगा। कथित तौर पर इस डोजियर में बटाला को कट्टरता (radicalization) और अन्य अवैध गतिविधियों (illicit activities) में शामिल एक बड़े नेटवर्क से जोड़ने वाले सबूत शामिल हैं।
यह हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच आतंकवाद-निरोधी सहयोग के बढ़ते स्तर को रेखांकित करती है। अमेरिकी छापे की बहु-राज्य प्रकृति एक व्यक्ति को निशाना बनाने के बजाय एक नेटवर्क को खत्म करने के समन्वित प्रयास का सुझाव देती है।
प्रत्यर्पण प्रक्रिया अब अमेरिकी कानूनी प्रणाली के अधीन होगी। अमेरिकी अदालतें भारत द्वारा प्रदान किए गए सबूतों की समीक्षा करेंगी ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि यह द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि के तहत आवश्यक मानकों को पूरा करता है या नहीं।
यह घटनाक्रम विदेशों में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों पर वैश्विक जांच के बढ़ने के बीच आया है। बटाला की गिरफ्तारी को भारत के उन प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें वह पश्चिमी देशों में स्थित नेटवर्कों से उत्पन्न होने वाले एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे (national security threat) को संबोधित करना चाहता है। प्रत्यर्पण अनुरोध के परिणाम पर बारीकी से नज़र रखी जाएगी, जो सीमा-पार उग्रवाद से लड़ने में भारत-अमेरिका सहयोग की ताकत का एक प्रमुख संकेतक होगा। - UNA