मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू: मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने हिंसा और राजनीतिक संकट के बीच दिया इस्तीफा15 Feb 25

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू: मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने हिंसा और राजनीतिक संकट के बीच दिया इस्तीफा

15 फरवरी, 2025 (UNA) : मणिपुर में राजनीतिक संकट और हिंसा के बीच राष्ट्रपति शासन लागू

मणिपुर में मई 2023 से जारी मेइती और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय संघर्ष के बीच मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। इस हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।

राज्य में राजनीतिक अस्थिरता के कारण भाजपा नई सरकार बनाने में असफल रही। इसके अलावा, 14 फरवरी 2025 तक विधानसभा का सत्र बुलाने की संवैधानिक समय-सीमा समाप्त हो गई, जिससे केंद्र को हस्तक्षेप करना पड़ा। नवंबर 2024 में नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) ने भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, जिससे सरकार और कमजोर हो गई थी।

राष्ट्रपति शासन लागू होने के प्रमुख कारण:

  • भाजपा नेतृत्व में सहमति न बन पाना: मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद, भाजपा राज्य इकाई नया नेता चुनने में असमर्थ रही। दिल्ली में कई दौर की बैठकों के बावजूद कोई समाधान नहीं निकल पाया।

  • विधानसभा सत्र बुलाने की समय सीमा समाप्त: संविधान के अनुच्छेद 174(1) के अनुसार, अंतिम सत्र के छह महीने के भीतर विधानसभा की बैठक अनिवार्य थी। मणिपुर विधानसभा की पिछली बैठक 12 अगस्त 2024 को हुई थी, लेकिन राजनीतिक संकट के कारण 14 फरवरी 2025 तक नई बैठक नहीं बुलाई जा सकी।

  • जातीय हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता: मई 2023 से जारी मेइती और कुकी-जो समुदायों के बीच संघर्ष लगातार बिगड़ता गया। राज्य सरकार कानून-व्यवस्था बहाल करने में असमर्थ रही, जिससे हालात और खराब हो गए।

  • एनपीपी का समर्थन वापस लेना: नवंबर 2024 में नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) ने भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया, जिससे सरकार गिरने के कगार पर आ गई।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और केंद्र सरकार की कार्रवाई:

  • एन. बीरेन सिंह का इस्तीफा: भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के साथ दिल्ली में कई बैठकों के बाद, मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया।

  • भाजपा के प्रयास: भाजपा के पूर्वोत्तर प्रभारी संबित पात्रा ने राज्य के विधायकों से चर्चा की, लेकिन नई सरकार के गठन को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका।

  • राज्यपाल की घोषणा: मणिपुर के राज्यपाल ने 10 फरवरी 2025 से प्रस्तावित विधानसभा सत्र को रद्द घोषित कर दिया, जिससे संवैधानिक संकट और गहरा गया।

  • विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया: कांग्रेस ने राष्ट्रपति शासन का स्वागत किया। राहुल गांधी समेत अन्य कांग्रेस नेताओं ने भाजपा सरकार की विफलता की आलोचना करते हुए इसे शासन व्यवस्था की बड़ी नाकामी बताया।

मणिपुर की मौजूदा स्थिति:

15 फरवरी 2025 तक मणिपुर पूरी तरह से राष्ट्रपति शासन के अधीन है। केंद्र सरकार ने राज्य का प्रशासन अपने हाथ में ले लिया है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। फिलहाल, राज्य में नई सरकार के गठन को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है और भाजपा नेतृत्व इस पर विचार कर रहा है। - UNA

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