मुंबई, भारत (UNA) : – मंगलवार को भारतीय इक्विटी बेंचमार्क में significant losses के साथ कारोबार समाप्त हुआ, क्योंकि अमेरिका-चीन व्यापार तनाव से उत्पन्न नकारात्मक वैश्विक संकेतों ने निवेशक sentiment को rattled कर दिया। BSE सेंसेक्स 350 अंक से अधिक गिर गया, जबकि NSE निफ्टी 50 24,650 के स्तर से नीचे फिसल गया, जिसमें निर्यात-उन्मुख और commodity-linked क्षेत्रों में व्यापक बिकवाली देखी गई।
वैश्विक व्यापार तनाव का प्रभाव
बाजार में गिरावट मुख्य रूप से व्हाइट हाउस द्वारा चीनी आयातों की एक variety पर steep new tariffs की घोषणा से शुरू हुई, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन, semiconductor, solar cells और steel शामिल हैं। इस आक्रामक व्यापार रुख ने बीजिंग से retaliation और एक संभावित वैश्विक व्यापार युद्ध के बढ़ने के डर को जन्म दिया है, जिससे दुनिया भर के निवेशकों के बीच 'risk-off' sentiment पैदा हो गया है।
इसका प्रभाव दलाल स्ट्रीट पर स्पष्ट रूप से महसूस किया गया, जहां high global exposure वाले क्षेत्रों को sell-off का खामियाजा भुगतना पड़ा। निफ्टी आईटी, मेटल और फार्मा सूचकांक शीर्ष क्षेत्रीय losers में से थे। विश्लेषकों का कहना है कि ये क्षेत्र वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखलाओं में disruptions के प्रति विशेष रूप से vulnerable हैं, जो उनके राजस्व और विकास के दृष्टिकोण को प्रभावित कर सकते हैं।
शीर्ष losers और बाजार की आगामी दिशा
क्षेत्रीय कमजोरी को दर्शाते हुए, कई heavyweight stocks ने सूचकांकों को नीचे खींच लिया। निफ्टी 50 पर, शीर्ष laggards में फार्मास्युटिकल स्पेस के प्रमुख नाम शामिल थे, जैसे डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज, सन फार्मा, और सिप्ला। इन कंपनियों की अंतरराष्ट्रीय बाजारों में significant exposure है, जो उन्हें वैश्विक व्यापार नीति में बदलाव के प्रति संवेदनशील बनाती है।
अंडरपरफॉर्मर्स की सूची में मेटल giant टाटा स्टील भी शामिल था, जो इस चिंता के बीच गिर गया कि बढ़ते व्यापारिक friction से औद्योगिक commodities की वैश्विक मांग कम हो सकती है। एनर्जी major ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) भी दिन के शीर्ष losers में से एक था।
बाजार विशेषज्ञों का सुझाव है कि निवेशक निकट भविष्य में सतर्क रहेंगे, अमेरिकी टैरिफ उपायों और किसी भी आगे के geopolitical developments पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की बारीकी से निगरानी करेंगे। आगामी सत्रों में बाजार की दिशा इन वैश्विक संकेतों के साथ-साथ घरेलू आर्थिक डेटा द्वारा निर्धारित होने की उम्मीद है। - UNA