मुंबई, (UNA) : भारतीय शेयर बाजार अगले सप्ताह (8–12 दिसंबर) कई बड़े आर्थिक संकेतों के बीच उतार-चढ़ाव भरा रह सकता है। RBI द्वारा हाल ही में की गई दर कटौती ने बैंकिंग, ऑटो और रियल एस्टेट जैसे सेक्टरों में सकारात्मक रुझान पैदा किया है, जिसके चलते बाजार में खरीदारी की गतिविधि बढ़ी है। हालांकि आने वाले दिनों में इस तेजी पर वैश्विक संकेतों का गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
निवेशकों और विश्लेषकों की निगाहें अब अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की बैठक पर टिकी हैं, जहां किसी भी नीति परिवर्तन या बयान का वैश्विक बाजारों पर प्रभाव पड़ेगा। डॉलर की चाल, बॉन्ड यील्ड और विदेशी निवेश का रुख भारतीय बाज़ार की दिशा तय कर सकते हैं।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि निफ्टी एक सीमित दायरे में घूम सकता है, जबकि सेंसेक्स भी हल्की तेज़ी और गिरावट के बीच संतुलन तलाशता रहेगा। दर-संवेदनशील सेक्टरों में हलचल बढ़ सकती है, वहीं मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में दबाव देखने को मिल सकता है। ऐसे में निवेशकों को सावधानी, सीमित जोखिम और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ बाजार में कदम रखने की सलाह दी जा रही है। - UNA















