मुंबई (UNA) : भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने म्यूचुअल फंड योजनाओं की कैटेगरी और रेगुलेटरी फ्रेमवर्क की व्यापक समीक्षा के लिए एक ड्राफ्ट सर्कुलर जारी किया है। इसका मकसद है—निवेशकों को ज्यादा पारदर्शिता देना, योजनाओं को "ट्रू टू लेबल" यानी उनके घोषित उद्देश्य के अनुसार बनाए रखना और बदलते बाजार के हिसाब से नियमों को अपग्रेड करना।
क्या है प्रस्ताव?
SEBI ने यह ड्राफ्ट 2017 में लागू मौजूदा नियमों की समीक्षा के इरादे से जारी किया है। मुख्य फोकस इस बात पर है कि म्यूचुअल फंड की अलग-अलग कैटेगरीज—जैसे इक्विटी, डेट, हाइब्रिड और सॉल्यूशन-ओरिएंटेड स्कीम्स—की परिभाषाओं को और स्पष्ट किया जाए।
SEBI की योजना के तहत:
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फंड की श्रेणियों के लिए सख्त एसेट अलोकेशन नियम लाए जा सकते हैं ताकि ‘स्टाइल ड्रिफ्ट’ रोका जा सके—यानी कोई स्कीम अपने उद्देश्य से भटक न जाए।
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नई कैटेगरीज की शुरुआत हो सकती है जैसे ESG (Environmental, Social, Governance) आधारित फंड या सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स के बीच और स्पष्ट अंतर किया जा सकता है।
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फंड हाउसों को जरूरत पड़ने पर अपनी योजनाएं मर्ज या री-क्लासिफाई करनी पड़ सकती हैं ताकि वे नए नियमों के अनुरूप हो सकें।
क्यों जरूरी है ये बदलाव?
SEBI का मानना है कि मौजूदा म्यूचुअल फंड ढांचा आम निवेशक के लिए काफी जटिल हो गया है। हर फंड हाउस की अपनी स्कीम परिभाषा और वर्गीकरण है, जिससे निवेशकों को तुलना करना मुश्किल होता है। नया ढांचा इन सब में एकरूपता लाएगा और निवेशक के लिए सही योजना चुनना आसान होगा।
बाज़ार विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं?
वित्तीय जानकारों के अनुसार यह कदम SEBI की निवेशक हितैषी सोच को दर्शाता है। पारदर्शिता बढ़ेगी, फंड्स की तुलना करना आसान होगा और हर AMC (Asset Management Company) को नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। इससे न केवल बाजार में विश्वास बढ़ेगा बल्कि निवेशकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
प्रतिक्रिया के लिए खुला है मंच
SEBI ने सभी संबंधित पक्षों—जैसे AMC, वितरक, वित्तीय सलाहकार और आम जनता—से 8 अगस्त 2025 तक अपने सुझाव और टिप्पणियां भेजने को कहा है। प्रतिक्रिया SEBI की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से दी जा सकती है।
आगे क्या होगा?
सभी प्रतिक्रियाओं की समीक्षा के बाद SEBI अंतिम नियमों का मसौदा तैयार करेगा, जो भारत की म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के भविष्य को आकार देंगे।
अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो यह प्रस्ताव आपके लिए अहम है। आने वाले समय में निवेश की दुनिया पहले से ज्यादा पारदर्शी और निवेशक केंद्रित होने जा रही है। निवेश से पहले इन बदलावों पर नजर रखना ज़रूरी है। - UNA