मुंबई, महाराष्ट्र (UNA) : भारतीय शेयर बाजार ने गुरुवार को उतार-चढ़ाव के बावजूद नई ऊंचाई को छू लिया, जिससे निवेशकों के बीच सकारात्मकता बनी रही। हालांकि, मुद्रा बाजार में स्थिति इसके बिल्कुल उलट रही और रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितताओं और कच्चे तेल की कीमतों में बदलाव का असर रुपया पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।
बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भारी बिकवाली जारी रखी और कुल ₹10,403.62 करोड़ मूल्य के शेयर बेचे। इसके उलट, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने बाजार में मजबूती से खरीदारी की और ₹19,785.50 करोड़ की खरीद दर्ज की। एफआईआई और डीआईआई के इस विपरीत रुख ने बाजार में अस्थिरता बढ़ाई, लेकिन अंततः घरेलू निवेशकों की आक्रामक खरीदारी ने सूचकांकों को ऊंचाई पर बनाए रखा।
विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में वैश्विक संकेत, डॉलर इंडेक्स और अंतरराष्ट्रीय बाजारों की चाल ही घरेलू बाजार और रुपये की दिशा तय करेंगे। - UNA















