बेंगलुरु, भारत (UNA) : — कर्नाटका के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया आज बेंगलुरु में एक बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले हैं, जिसे उन्होंने केंद्रीय सरकार की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने में असफलता के खिलाफ "मेगा प्रदर्शन" कहा है। इस प्रदर्शन का उद्देश्य महंगाई के आम नागरिक पर प्रभाव को उजागर करना और केंद्रीय सरकार पर इस मुद्दे को सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाने का दबाव बनाना है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके कैबिनेट मंत्री, साथ ही कांग्रेस पार्टी के सदस्य इस प्रदर्शन में भाग लेने की उम्मीद है। आयोजकों का अनुमान है कि राज्य भर से समर्थक इस विरोध में शामिल होंगे और आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की बढ़ती कीमतों के खिलाफ अपनी चिंताओं का इज़हार करेंगे।
सिद्धारमैया की सरकार ने केंद्रीय सरकार की आर्थिक नीतियों, विशेष रूप से ईंधन कीमतों, आवश्यक वस्तुओं और वस्तु एवं सेवा कर (GST) दरों को लेकर तीव्र आलोचना की है। मुख्यमंत्री ने बार-बार केंद्र सरकार पर महंगाई के बोझ से जूझ रहे आम नागरिकों की चिंताओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है।
"बढ़ती कीमतें गरीबों और मध्यवर्गीय लोगों की जिंदगी पर गंभीर असर डाल रही हैं," सिद्धारमैया ने कल एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा। "केंद्रीय सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और महंगाई को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी उपायों को लागू करना चाहिए ताकि लोगों को राहत मिल सके।"
यह विरोध प्रदर्शन बेंगलुरु के दिल से शुरू होकर एक सार्वजनिक रैली में समाप्त होगा, जिसमें सिद्धारमैया और अन्य प्रमुख नेता सभा को संबोधित करेंगे। बड़े जनसमूह के मद्देनजर सुरक्षा इंतजामों को बढ़ा दिया गया है।
जहां कांग्रेस पार्टी इस प्रदर्शन को केंद्रीय सरकार को जवाबदेह ठहराने के लिए जरूरी कदम के रूप में पेश कर रही है, वहीं विपक्षी पार्टियों ने इस कदम की आलोचना की है और इसे राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित एक स्टंट करार दिया है। उनका कहना है कि राज्य सरकार को अपनी आर्थिक चुनौतियों को हल करने पर ध्यान देना चाहिए, न कि सार्वजनिक प्रदर्शनों में भाग लेना चाहिए।
यह विरोध प्रदर्शन उस समय हो रहा है जब देश भर में महंगाई एक गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है। इस प्रदर्शन के दौरान सरकार की प्रतिक्रिया और बढ़ती कीमतों के व्यापक मुद्दे पर सरकार के दृष्टिकोण को आने वाले दिनों में ध्यान से देखा जाएगा। इस विरोध का परिणाम आर्थिक नीति और राज्य तथा केंद्रीय सरकारों के बीच रिश्ते पर प्रभाव डाल सकता है। - UNA