"मई में लू का कहर: IMD की चेतावनी, सामान्य से ज्यादा तापमान और स्वास्थ्य पर खतरे की आशंका"30 Apr 25

"मई में लू का कहर: IMD की चेतावनी, सामान्य से ज्यादा तापमान और स्वास्थ्य पर खतरे की आशंका"

नई दिल्ली, (UNA) : – भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि मई माह में देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान और तीव्र लू (हीटवेव) की संभावना है। यह पूर्वानुमान मौजूदा मौसमीय रुझानों और जलवायु मॉडलों पर आधारित है, और जैसे-जैसे देश गर्मी के चरम मौसम में प्रवेश कर रहा है, यह सार्वजनिक स्वास्थ्य और कृषि के लिए गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है।

IMD की ताज़ा बुलेटिन के अनुसार, तापमान मौसमी औसत से 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक ऊपर जा सकता है। उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत में सबसे अधिक जोखिम की आशंका जताई गई है। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में लू की स्थिति बन सकती है, जहां तापमान लगातार दो या अधिक दिनों तक 40-45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।

मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया, "हमारे मॉडल संकेत दे रहे हैं कि इस बार कम वर्षा और लगातार शुष्क हवाओं के कारण लू की संभावना अधिक है। यह कोई अलग घटना नहीं है, बल्कि यह हाल के वर्षों में देखी गई प्रवृत्ति का हिस्सा है।" उन्होंने बताया कि मई में अतीत में भी घातक लू की घटनाएं हुई हैं, जैसे कि 2016 में, जब 2000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।

इस बार के संभावित प्रभाव गंभीर हैं। बढ़ते तापमान के कारण बुजुर्ग, बच्चे और बाहर काम करने वाले श्रमिकों में लू, डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाएगा। कृषि क्षेत्र पर भी असर पड़ेगा, विशेषकर गेहूं और दाल जैसी फसलों के लिए जो इस समय संवेदनशील वृद्धि चरण में होती हैं। अत्यधिक गर्मी के कारण फसल को नुकसान होने की आशंका है, जिससे खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है। शहरों में एयर कंडीशनर की मांग बढ़ने से बिजली आपूर्ति पर दबाव बढ़ेगा, जिससे बिजली कटौती की संभावना भी बन सकती है।

सरकार ने राज्य सरकारों से लू से निपटने के लिए हीट एक्शन प्लान सक्रिय करने का आग्रह किया है। इसमें जन-जागरूकता अभियान, कूलिंग सेंटर की व्यवस्था और किसानों को सिंचाई समय में बदलाव के लिए परामर्श शामिल हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे पर्याप्त पानी पिएं, दोपहर की तीव्र धूप से बचें और IMD ऐप्स के ज़रिए मौसम की जानकारी लेते रहें।

विशेषज्ञों का मानना है कि दीर्घकालिक समाधान जैसे वनीकरण, हरित शहरी नियोजन और जलवायु-लचीली नीतियाँ अब बेहद आवश्यक हो गई हैं। इस साल का यह पूर्वानुमान जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों की गंभीरता की एक और चेतावनी है और इसके लिए सामूहिक और ठोस कार्रवाई की ज़रूरत है। - UNA

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केरल में प्री-मानसून की मूसलधार बारिश ने तबाही मचा दी है। लगातार हो रही तेज़ बारिश से राज्य के कई हिस्सों में जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हुआ है। थिरुवनंतपुरम से लेकर अन्य जिलों तक भारी बारिश के चलते सड़कों पर जलभराव, ट्रैफिक जाम और कई जगहों पर भूस्खलन जैसी घटनाएं सामने आई हैं। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक एक व्यक्ति की दुखद मौत की पुष्टि हुई है। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सात जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। कई नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और भारी बारिश की चेतावनी दी है। प्रशासन की टीमें अलर्ट मोड पर हैं और स्थानीय निवासियों से अपील की गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और अनावश्यक यात्रा से बचें।