कीव, यूक्रेन (UNA) : अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने पुष्टि की है कि 30 अक्टूबर को रूस ने यूक्रेन के परमाणु संयंत्रों को बाहरी बिजली आपूर्ति प्रदान करने वाले प्रमुख विद्युत उपकेंद्रों (सबस्टेशनों) पर हमले किए। इन हमलों से दक्षिण यूक्रेन परमाणु संयंत्र और ख्मेलनित्सकी परमाणु संयंत्र की बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई, जिसके बाद यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने कड़े शब्दों में इन हमलों की निंदा की।
मंत्रालय ने अपने बयान में रूसी बलों पर “जानबूझकर ऐसे उपकेंद्रों को निशाना बनाने” का आरोप लगाया और कहा कि यह कार्रवाई “परमाणु आतंकवाद की पहचान” रखती है तथा अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी कानून का गंभीर उल्लंघन है। IAEA के अनुसार, ख्मेलनित्सकी संयंत्र को बिजली देने वाला एक उपकेंद्र पूरी तरह से कट गया, जबकि रिव्ने संयंत्र में चार में से दो रिएक्टरों को उत्पादन घटाना पड़ा।
यूक्रेन की यह आलोचना ऐसे समय आई है जब उसके परमाणु ऊर्जा ढांचे की सुरक्षा को लेकर वैश्विक स्तर पर चिंताएं बढ़ रही हैं। विश्लेषकों का कहना है कि रूस सीधे रिएक्टरों पर नहीं, बल्कि उनके बाहरी बिजली नेटवर्क और शीतलन प्रणाली पर हमले कर रहा है — जो अगर जारी रहे तो विनाशकारी परिणाम दे सकते हैं।
IAEA ने सैन्य अभियानों में परमाणु स्थलों के पास अधिकतम सावधानी बरतने की अपील की है और अपने “परमाणु सुरक्षा एवं संरक्षा के सात अनिवार्य स्तंभों” की याद दिलाई है, जिनमें से एक यह सुनिश्चित करना है कि बाहरी बिजली आपूर्ति कभी बाधित न हो।
इस मामले में यूक्रेन ने सीधे रूस को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि दोनों देशों ने युद्ध के दौरान परमाणु सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए एक-दूसरे को दोषी बताया है। – UNA
















