स्लो लव: क्या समय के साथ पनपने वाला प्यार रिश्तों को लंबा और मजबूत बनाता है?20 Nov 25

स्लो लव: क्या समय के साथ पनपने वाला प्यार रिश्तों को लंबा और मजबूत बनाता है?

नई दिल्ली ( UNA ) : तेज़ रफ़्तार वाले दौर में जहाँ इंस्टैंट डेटिंग ऐप्स और त्वरित आकर्षण रिश्तों की शुरुआत कराते हैं, वहीं मनोवैज्ञानिक “स्लो लव” के महत्व पर नया जोर देते दिखाई दे रहे हैं। स्लो लव का मतलब है—एक ऐसा रिश्ता जो धीरे-धीरे विकसित होता है, जहाँ दो लोग समय लेकर एक-दूसरे को समझते हैं और भावनात्मक जुड़ाव प्राकृतिक रूप से गहराता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा प्यार अधिक टिकाऊ और स्थिर होता है।

रिलेशनशिप काउंसलर्स के अनुसार, धीरे-धीरे बढ़ने वाले रिश्तों में कम दबाव होता है, जिससे दोनों पार्टनर्स एक-दूसरे की अपेक्षाओं, आदतों और व्यक्तित्व को सहज रूप से जान पाते हैं। इसके विपरीत, जल्दबाज़ी में शुरू हुए रिश्तों में अक्सर उच्च उम्मीदें और कम समझ के कारण संघर्ष बढ़ जाते हैं। स्लो लव क्यों है फायदेमंद? गहरी समझ विकसित होती है: समय के साथ लोग एक-दूसरे के मूल्यों और सीमाओं को बेहतर जानते हैं। विश्वास मजबूत होता है: धीरे-धीरे बनाई गई नींव रिश्ते को अधिक स्थिर बनाती है। कम ब्रेकअप जोखिम: विशेषज्ञों का कहना है कि स्लो लव वाले रिश्तों में कम गलतफहमियाँ और कम आवेगपूर्ण निर्णय होते हैं। सच्चा इमोशनल कनेक्शन: ऐसे रिश्ते केवल आकर्षण पर नहीं, बल्कि भावनात्मक अनुकूलता पर टिके होते हैं।साइकोलॉजिस्ट यह भी बताते हैं कि आज की तेज़ जिंदगी में स्लो लव लोगों को मानसिक रूप से स्वस्थ और सुरक्षित महसूस कराता है। धीरे-धीरे पनपने वाला प्यार दोनों व्यक्तियों को अपने वास्तविक रूप में अपनाने का मौका देता है, जो किसी रिश्ते के लंबे समय तक टिकने की सबसे मजबूत नींव मानी जाती है। -  UNA

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