(UNA) : Microsoft Research द्वारा संचालित Project Gecko ने आज वैश्विक रूप से AI की दिशा बदलने का इरादा पेश किया है। इस पहल का मूल उद्देश्य है AI उपकरणों की पहुँच को उन समुदायों तक विस्तारित करना जहाँ भाषा, संसाधन या सांस्कृतिक संदर्भों के अभाव के कारण पारंपरिक AI कम असरदार रहे हैं।
Project Gecko के माध्यम से Microsoft Research भारत, केन्या और अन्य विकासशील क्षेत्रों में छोटे-भाषा वाले मॉडल, स्पीच-इंटरफेस, मल्टी-मॉडल (वॉइस, वीडियो, इमेज) इनपुट-सिस्टम तथा समुदाय-निर्मित डेटा को उपयोग में ला रहा है। क्षेत्रीय स्तर पर प्राथमिक लक्ष्य कृषि है—उसमें किसान अपनी स्थानीय भाषा या बोली में प्रश्न पूछ सकेंगे और उन्हें चरण-बद्ध समाधान मिलेगा। इस दिशा में MMCTAgent नामक प्लेटफॉर्म विकसित किया गया है, जो चोरी-चपेट इंजन नहीं बल्कि सोच-समझ रखता एजेंट है: यह वीडियो व इमेज सामग्री को भाषा व दृश्य दोनों रूप से समझता है।
Microsoft का कहना है कि यह पहल सिर्फ तकनीकी नवाचार नहीं बल्कि सामाजिक समानता की दिशा में एक कदम है: “अगर AI सिर्फ अंग्रेजी-भाषा या विकसित-देशों के लिए बनेगा, तो यह वैश्विक विभाजन को बढ़ा देगा।” Project Gecko के पहले चरण में India & Kenya में इसे लागू किया जा रहा है, और आगे शिक्षा- एवं स्वास्थ्य-क्षेत्र में भी विस्तार होगा। यह संक्रमण दिखाता है कि AI अब सिर्फ बड़ी भाषाओं व उद्योगों के लिए नहीं बल्कि स्थानीय-भाषा, स्थानीय-संसाधन व स्थानीय-सांस्कृतिक जरूरतों के अनुरूप बनाने का समय आ गया है। - UNA
13 Nov 25Microsoft ने “Project Gecko” लॉन्च किया: लोक-भाषाओं और सांस्कृतिक जरूरतों के अनुरूप समावेशी AI बनाने की पहल
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