नई दिल्ली (UNA) : लद्दाख के इंजीनियर और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 6 अक्टूबर को सुनवाई करेगा, जिसमें उनके राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत किए गए निवारक हिरासत (preventive detention) को चुनौती दी गई है और तत्काल रिहाई की मांग की गई है।
वांगचुक को 26 सितंबर को हिरासत में लिया गया था, ठीक दो दिन बाद जब लद्दाख में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हो गई थी और करीब 90 लोग घायल हुए थे। प्रशासन ने यह कहते हुए NSA लागू किया कि उनकी गतिविधियां “सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा” हैं।
सोनम वांगचुक, जो एक प्रसिद्ध नवप्रवर्तक और पर्यावरणविद् हैं, लंबे समय से लद्दाख के लिए अधिक स्वायत्तता की वकालत करते आए हैं ताकि क्षेत्र की नाज़ुक पारिस्थितिकी और सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित किया जा सके। उनकी गिरफ्तारी ने देशभर में तीखी आलोचना और विरोध को जन्म दिया है। सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी दलों ने इसे शांतिपूर्ण असहमति को दबाने का प्रयास बताया है।
सुप्रीम कोर्ट की शुक्रवार को होने वाली सुनवाई इस बात की पड़ताल करेगी कि क्या वांगचुक की गिरफ्तारी में NSA का इस्तेमाल न्यायसंगत था या नहीं। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिक स्वतंत्रता के बीच संतुलन पर एक अहम मिसाल साबित हो सकता है, खासकर लद्दाख जैसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में। – UNA
















