नई दिल्ली (UNA) : संघीय वित्त मंत्रालय ने चेन्नई कस्टम्स कार्यालय में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के आरोपों की औपचारिक जांच का आदेश दिया है। यह कदम Wintrack Inc., एक बहुराष्ट्रीय कंपनी की शिकायत के बाद उठाया गया, जिसमें कंपनी ने दावा किया कि कुछ कस्टम्स अधिकारी उसके कंसाइनमेंट की मंजूरी तेज़ करने के लिए अवैध भुगतान की मांग कर रहे थे, जिससे संचालन में देरी और वित्तीय नुकसान हुआ।
मंत्रालय ने राजस्व विभाग को निर्देश दिया है, जो केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और कस्टम्स बोर्ड (CBIC) की निगरानी करता है, कि वह “निष्पक्ष, पारदर्शी और तथ्यों पर आधारित जांच” करे। इस जांच में कंसाइनमेंट क्लियरेंस रिकॉर्ड की समीक्षा, Wintrack द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों की जाँच और कंपनी प्रतिनिधियों एवं आरोपित अधिकारियों के साक्षात्कार शामिल होंगे।
अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि यह जांच भारत में भ्रष्टाचार विरोध और “Ease of Doing Business” रैंकिंग सुधार के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। एक वरिष्ठ मंत्रालय स्रोत ने कहा कि कस्टम्स प्रशासन की ईमानदारी सर्वोपरि है और किसी भी दोषी अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस जांच के नतीजे को व्यावसायिक समुदाय द्वारा बारीकी से देखा जा रहा है, क्योंकि यह निवेशक विश्वास और भारत के प्रमुख व्यापार मार्गों में से एक की विश्वसनीयता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। – UNA
















