नई दिल्ली, भारत (UNA) : भारत ने थोरियम-आधारित परमाणु ऊर्जा को आगे बढ़ाने की दिशा में अपने प्रयासों को तेज कर दिया है, जिसका लक्ष्य दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा और आयात निर्भरता को कम करना है। अधिकारियों के अनुसार, देश के पास विश्व के सबसे बड़े थोरियम भंडारों में से एक है, जिसे भविष्य की स्वच्छ और स्थायी ऊर्जा प्रणाली का आधार माना जा रहा है।
भारत का तीन-स्तरीय परमाणु कार्यक्रम अब उन्नत चरण में प्रवेश कर रहा है, जिसमें थोरियम को ईंधन के रूप में उपयोग करने वाले अत्याधुनिक रिएक्टरों का विकास प्रमुख लक्ष्य है। वैज्ञानिकों का कहना है कि थोरियम से उत्पादित यूरेनियम-233 का इस्तेमाल करने वाले रिएक्टर पारंपरिक ईंधन की तुलना में कम कचरा और बेहतर सुरक्षा प्रोफ़ाइल प्रदान कर सकते हैं।
वर्तमान में, भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर (BARC) कई महत्वपूर्ण तकनीकों पर काम कर रहा है, जिनमें उन्नत भारी जल रिएक्टर और नए थोरियम-आधारित ईंधन चक्र शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इन परियोजनाओं की सफलता भारत को वैश्विक परमाणु तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी देशों की सूची में ला सकती है और देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ा सकती है। - UNA
















