दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण: सरकार ने लागू किया नया “क्लीन एयर एक्शन प्लान”13 Nov 25

दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण: सरकार ने लागू किया नया “क्लीन एयर एक्शन प्लान”

नई दिल्ली ( UNA ) :  राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर इस सप्ताह फिर से ‘सीवियर’ श्रेणी में पहुंच गया है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के अनुसार, बुधवार सुबह दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 472 दर्ज किया गया — जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत खतरनाक माना जाता है।

सरकार ने इस स्थिति को गंभीर मानते हुए एक नया “क्लीन एयर एक्शन प्लान” लागू किया है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को बताया कि अब सभी निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई है, साथ ही स्कूलों और कॉलेजों को ऑनलाइन मोड में संचालित करने की सलाह दी गई है।

वाहनों और उद्योगों पर निगरानी बढ़ी

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने 500 से अधिक टीमों को तैनात किया है ताकि डीज़ल वाहनों और पुराने ट्रकों की जांच की जा सके। इसके अलावा, इंडस्ट्रियल क्षेत्रों में प्रदूषण फैलाने वाले कारखानों पर भी सख्त कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

पर्यावरण विभाग ने कहा है कि जिन उद्योगों में प्राकृतिक गैस का उपयोग नहीं हो रहा, उन्हें अस्थायी रूप से बंद किया जाएगा।

जनजागरूकता पर जोर

सरकार अब नागरिकों से भी अपील कर रही है कि वे अपनी भूमिका निभाएं। मंत्रियों ने कहा, “हर व्यक्ति को कार शेयरिंग, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, और पौधारोपण में योगदान देना चाहिए।”

शहरी विकास विभाग ने भी दिल्ली के पार्कों में ‘ग्रीन वॉलिंटियर’ अभियान शुरू किया है, जिसमें कॉलेज छात्र और एनजीओ भाग ले रहे हैं।

स्वास्थ्य पर असर और विशेषज्ञों की राय

एम्स दिल्ली के पल्मोनोलॉजी विभाग के डॉक्टर संदीप मेहता कहते हैं, “वायु प्रदूषण से सांस की बीमारियों और एलर्जी के मामले 40% तक बढ़ चुके हैं। बच्चों और बुजुर्गों को खास सतर्क रहने की जरूरत है।”

वे सलाह देते हैं कि लोग सुबह-सुबह की वॉक फिलहाल टालें, घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें और बाहर जाते समय N95 मास्क पहनें।


प्रदूषण के स्रोत और संभावित राहत


CPCB की रिपोर्ट के अनुसार, इस बार पराली जलाने, वाहन उत्सर्जन और निर्माण कार्यों से उड़ने वाली धूल प्रदूषण के मुख्य कारण हैं। हवा में नमी और ठंड के कारण प्रदूषक कण ऊपर नहीं उठ पाते, जिससे स्थिति और गंभीर हो जाती है।

हालांकि मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों में हल्की हवाएं चलने से प्रदूषण के स्तर में कुछ गिरावट आ सकती है।

भविष्य की योजना

सरकार अब सर्दियों के हर सीजन के लिए एक दीर्घकालिक प्रदूषण नियंत्रण ढांचा तैयार कर रही है। इसमें सैटेलाइट मॉनिटरिंग, रियल-टाइम डेटा और पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय की योजना शामिल है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर यह योजना सफल होती है, तो आने वाले वर्षों में दिल्ली की वायु गुणवत्ता में स्थायी सुधार देखा जा सकता है।

दिल्लीवासियों की उम्मीद है कि यह नई पहल सिर्फ कागजों तक सीमित न रहे, बल्कि जमीनी स्तर पर सख्ती से लागू हो। फिलहाल, नागरिक और प्रशासन दोनों ही मिलकर राजधानी की हवा को साफ करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। - UNA

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