नई दिल्ली, ( UNA ) : द्वारका एक्सप्रेसवे के गुरुग्राम हिस्से पर अब यात्रियों को टोल देना होगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इस सप्ताह से टोल वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह एक्सप्रेसवे एनएच-48 के भीड़भाड़ वाले मार्ग का तेज़ और सिग्नल-फ्री विकल्प है, जिससे अब यात्रियों को समय की बचत के साथ-साथ सुविधा भी मिलेगी, हालांकि इसके लिए अब शुल्क देना होगा।
टोल प्लाजा दिल्ली-हरियाणा सीमा के पास बनाया गया है और इसमें पूरी तरह से स्वचालित FASTag प्रणाली लगाई गई है ताकि वाहनों की आवाजाही निर्बाध रहे। NHAI का कहना है कि यह कदम परियोजना की निर्माण लागत की वसूली और लंबे समय तक रखरखाव के लिए फंड जुटाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
करीब 19 किलोमीटर लंबा गुरुग्राम सेक्शन 11 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटित किया गया था। लगभग ₹9,000 करोड़ की लागत से तैयार यह 29 किलोमीटर लंबा प्रोजेक्ट दिल्ली के द्वारका से गुरुग्राम के खेड़की दाऊला टोल प्लाजा तक फैला है और दोनों शहरों के बीच एक अहम संपर्क मार्ग प्रदान करता है।
एनएचएआई द्वारा जारी दरों के अनुसार, एकतरफा यात्रा के लिए कार, वैन या जीप से ₹80, लाइट कमर्शियल व्हीकल (LCV) से ₹115, 3-एक्सल कमर्शियल वाहन से ₹235, बस या ट्रक (2-एक्सल) से ₹235, 4 से 6 एक्सल वाले भारी वाहन से ₹370 और 7 या अधिक एक्सल वाले ओवरसाइज़्ड वाहनों से ₹450 टोल वसूला जाएगा।
स्थानीय निवासियों के लिए राहत के तौर पर एनएचएआई ने मासिक पास की सुविधा दी है। टोल प्लाजा से 20 किलोमीटर के दायरे में पंजीकृत गैर-वाणिज्यिक वाहनों के मालिक ₹340 प्रति माह का पास ले सकते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि, “मासिक पास स्थानीय ट्रैफिक पर आर्थिक बोझ कम करने के लिए दिया जा रहा है, ताकि हाईवे उपयोगकर्ता इसके रखरखाव में योगदान देते हुए भी सहजता से यात्रा कर सकें।”
द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे (NH-48) पर बढ़ते ट्रैफिक को कम करने और यात्रा समय को एक घंटे से घटाकर 20-25 मिनट करने के लिए किया गया है। आठ लेन का यह एलिवेटेड मार्ग न केवल यात्रा को तेज़ बनाता है बल्कि ईंधन की बचत और प्रदूषण में कमी भी लाता है।
कई यात्री इसे उपयोगी मान रहे हैं। द्वारका निवासी अंजलि शर्मा ने कहा, “मैं रोज़ द्वारका से साइबर सिटी ऑफिस जाती हूं। यह एक्सप्रेसवे मेरे लिए बहुत राहतभरा है, क्योंकि अब आधे घंटे की बचत हो जाती है। टोल देना खर्चा जरूर है, लेकिन समय और ईंधन की बचत को देखें तो यह उचित है।”
वहीं कुछ व्यावसायिक चालकों और सीमित बजट में यात्रा करने वालों ने अतिरिक्त खर्च पर चिंता जताई है। अगले कुछ हफ्तों में यह स्पष्ट होगा कि कितने लोग टोल मार्ग का उपयोग करते हैं और कितने पुराने NH-48 पर ही यात्रा जारी रखते हैं।
दिल्ली वाला करीब 10 किलोमीटर का हिस्सा अभी निर्माणाधीन है, जिसे आने वाले महीनों में पूरा किए जाने की संभावना है। इसके पूरा होने के बाद यह मार्ग आईजीआई एयरपोर्ट के पास शिव मूर्ति तक निर्बाध जुड़ाव प्रदान करेगा। पूरी तरह से चालू होने पर द्वारका एक्सप्रेसवे दिल्ली और गुरुग्राम के बीच शहरी परिवहन का नया अध्याय साबित होगा।
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