नयी दिल्ली, भारत (UNA) : राजधानी के रेड फोर्ट क्षेत्र में हुए घातक विस्फोट की गहन जाँच में यह तथ्य सामने आया है कि आरोपियों ने टेलीग्राम नामक मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल योजना-बद्ध गतिविधियों और बाहरी संपर्कों के लिए किया था। प्रारम्भिक जाँच में पता चला कि समूह के सदस्य अक्सर एन्क्रिप्टेड चैट व्यवस्था के माध्यम से विचार-विमर्श करते, कार्य बाँटते और हमले की समयसीमा तय करते थे।
जाँचकर्ताओं के मुताबिक डिजिटल फॉरेंसिक पंक्तियों ने कुछ ऐसे संकेत दिए हैं जो यह दर्शाते हैं कि संदेशों का स्रोत अंतरराष्ट्रीय आईपी रूट्स से जुड़ा हो सकता है, जिससे यह संभावना बनती है कि निर्देश और संसाधन सीमा पार से आ रहे थे। इस पर कई एजेंसियाँ मिलकर संवाद और तकनीकी परख कर रही हैं ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि किस तरह के संपर्क और वित्तपोषण ने अपराध जाल को सक्षम बनाया।
सुरक्षा विशेषज्ञों ने कहा है कि किसी भी सामान्य संचार ऐप का होना स्वयं में अपराध नहीं दर्शाता, पर समस्या तब गहरी बन जाती है जब जोखिमयुक्त समूह इन्हें गुप्त और तेज समन्वय के लिए अपनाते हैं। इसके नाते तकनीकी प्लेटफ़ॉर्म्स, कानून प्रवर्तन और नीतिनिर्माताओं के बीच बेहतर समन्वय और कड़े दिशानिर्देशों की आवश्यकता उजागर हुई है। जांच जारी है और संबंधित एजेंसियाँ घटनाक्रम के हर पहलू की क्रमिक खुलासे के साथ आगे बढ़ रही हैं। - UNA
















