नई दिल्ली (UNA) : रूमेटॉयड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis—RA) एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर की इम्यून सिस्टम गलती से अपने ही जोड़ों पर हमला कर देती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इस बीमारी की शुरुआती पहचान बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि समय रहते उपचार शुरू करने से सूजन, दर्द और जोड़ों के स्थायी नुकसान को रोका जा सकता है।
डॉक्टर बताते हैं कि RA का सबसे आम लक्षण सुबह-सुबह जोड़ों में अकड़न, लंबे समय तक रहने वाली सूजन, जोड़ों में तीव्र दर्द, और थकान है। कई मरीजों में यह लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं, जिसके कारण लोग इसे सामान्य दर्द समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि तीनों बड़े जोड़—घुटना, कलाई और उंगलियाँ—अधिक प्रभावित होते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, RA के होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं—जिनमें आनुवंशिक कारक, हार्मोनल बदलाव, धूम्रपान, और इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी शामिल हैं। महिलाएँ पुरुषों की तुलना में इस बीमारी से अधिक प्रभावित होती हैं।
डॉक्टर इस बात पर जोर देते हैं कि शुरुआती अवस्था में खून की जाँच, इमेजिंग टेस्ट, और रुमेटोलॉजिस्ट से परामर्श लेने से बीमारी के फैलने की गति को रोका जा सकता है। उपचार में आम तौर पर एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएँ, DMARDs, और लाइफस्टाइल में बदलाव शामिल होते हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि समय पर इलाज शुरू करने से मरीजों की जीवनशैली में उल्लेखनीय सुधार आता है और लंबे समय वाली विकलांगता का खतरा काफी कम हो जाता है। - UNA
















