नई दिल्ली, दिल्ली ( UNA ) : एक नए वैज्ञानिक अध्ययन में यह चेतावनी सामने आई है कि लंबे समय तक चलने वाली क्रोनिक इंफ्लेमेशन धीरे-धीरे शरीर के बोन मैरो की संरचना और कार्यप्रणाली को बदल सकती है, जिससे कई तरह की रक्त संबंधी समस्याएं उत्पन्न होने का जोखिम बढ़ जाता है।
शोध के अनुसार, लगातार बनी सूजन बोन मैरो में मौजूद स्टेम सेल्स पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है, जो सामान्य परिस्थितियों में स्वस्थ रक्त कोशिकाओं का निर्माण करते हैं। सूजन के कारण इन स्टेम सेल्स में ऐसे बदलाव आते हैं जो असामान्य ब्लड सेल उत्पादन, कमजोर प्रतिरक्षा, एनीमिया और कुछ मामलों में गंभीर ब्लड डिसऑर्डर्स का कारण बन सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि सूजन का यह प्रभाव धीरे-धीरे होता है, लेकिन लंबे समय में बोन मैरो के माइक्रोएनवायरनमेंट को स्थायी रूप से प्रभावित कर सकता है। मोटापा, तनाव, प्रदूषण और ऑटोइम्यून बीमारियों जैसे कारक लंबे समय तक सूजन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।
चिकित्सकों की सलाह है कि एंटी-इंफ्लेमेटरी भोजन, नियमित व्यायाम और तनाव नियंत्रण जैसी आदतें इस जोखिम को कम करने में मदद कर सकती हैं। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि शुरुआती पहचान और उपचार भविष्य में गंभीर रक्त विकारों से बचाव के लिए आवश्यक है। - UNA















