मुंबई, भारत (UNA) : भारत के प्रमुख चैरिटेबल ट्रस्ट्स संस्था Tata Trusts की 11 नवंबर को हुई संयुक्त बैठक में अचानक उभरा तनाव समूह के अंदरूनी कामकाज पर सवाल खड़े करता है। बैठक में त्रिपक्षीय ट्रस्ट्स – Sir Ratan Tata Trust (SRTT) एवं Sir Dorabji Tata Trust (SDTT) सहित – द्वारा प्रस्तावित नया ट्रस्टी-नामांकन क्रम पेश किया गया। इस प्रस्ताव में Neville Tata और Bhaskar Bhat को नए ट्रस्टी नियुक्त करने की सिफारिश की गई।
पर इसके सामने Venu Srinivasan ने आपत्ति जताई कि प्रस्ताव बैठक के पूर्व तय एजेंडा में शामिल नहीं था तथा इसे “Any other item” की श्रेणी में लाया गया था। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रक्रिया पारंपरिक ट्रस्ट-शासन मानदंडों से मेल नहीं खाती है। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने स्पष्ट किया कि नए ट्रस्टी-नामांकन के लिए ऊर्जा, चर्चा एवं पूर्व सूचना जरूरी थी, जो नहीं दी गई थी।
बैठक ने साथ ही उस कार्यकारिणी समिति को समाप्त करने का निर्णय लिया, जिसने अब तक ट्रस्ट संचलन का प्रभारी था, और ट्रस्ट के अध्यक्ष Noel Tata को पूर्ण प्राधिकार स्थानांतरित कर दिए गए। यह दोनों ट्रस्ट्स मिलकर Tata Sons में करीब 51 % से अधिक हिस्सेदारी रखते हैं, इसलिए इन ट्रस्ट्स की गवर्नेंस सीधे समूह-नीति व स्वामित्व मॉडल को प्रभावित करती है।
विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह की अंदरूनी खींचतान ट्रस्ट्स की पारदर्शिता तथा निर्णय-प्रणाली को लेकर बड़ा प्रश्न खड़ा करती है। ट्रस्ट्स ने फिलहाल इस विवाद पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है। - UNA
13 Nov 25टाटा ट्रस्ट्स की बैठक में खिंचाव: वेणु श्रीनिवासन ने नए ट्रस्टी नामांकन प्रक्रिया पर उठाया सवाल
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