नई दिल्ली, भारत (UNA) : नई CAFE-III (कॉर्पोरेट औसत ईंधन दक्षता) नियमों के मसौदे को लेकर ऑटो इंडस्ट्री में टाटा मोटर्स और हुंडई के बीच तल्ख बहस छिड़ गई है, खासकर छोटी कारों पर निर्धारित वजन आधारित मानदंडों को लेकर। टाटा मोटर्स ने प्रस्तावित 909 किलोग्राम तक के छोटे वाहनों को छूट देने के प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है, यह तर्क देते हुए कि ऐसी वजन आधारित श्रेणियाँ “मनमानी” हैं और सुरक्षा मानकों को कमजोर कर सकती हैं। कंपनी ने कहा है कि मौजूदा परिभाषा — जो लंबाई और इंजन क्षमता पर आधारित है — पर्याप्त है और नई छूट Green Mobility-लक्ष्यों को खतरे में डाल सकती है। दूसरी ओर, कुछ निर्माताओं (जिनमें हुंडई भी शामिल हैं) का कहना है कि प्रस्तावित नियम छोटे, हल्के पेट्रोल वाहनों को उत्सर्जन में कुछ रियायत देने की ओर ले जाते हैं, जिसे वह आर्थिक और पारिस्थितिक दृष्टिकोण से उचित मानते हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यह बहस न सिर्फ कोमोडिटी-सेगमेंट के भविष्य को प्रभावित करेगी, बल्कि CAFE-III के उद्देश्यों — उत्सर्जन में कटौती और ईवी/हाइब्रिड विकास — पर भी बड़ा असर डाल सकती है। - UNA
17 Nov 25CAFE नियमों पर टाटा-हुंडई में मतभेद: कीमत बनाम वाहन वजन पर बहस गहराई
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