मुंबई, भारत (UNA) : मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने IndusInd Bank में दर्ज शिकायत के आधार पर चल रही लेखांकन अनियमितताओं की जांच में यह निष्कर्ष निकाला है कि बैंक के पूर्व निरीक्षणों से जुड़े प्रमुख अधिकारियों द्वारा धन का गमन या निजी लाभ का कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं मिला है। इस साइज़-प्रोब्लम को 2015 के करीब समय से लेकर अब तक देखा गया था, जिसमें लगभग ₹1,950 करोड़ की कथित गड़बड़ी सामने आई थी।
जांच के रिकॉर्ड में यह पाया गया कि लगभग ₹255 करोड़ की विशेष प्रविष्टि और अन्य लेखांकन विभेद मौजूद हैं, लेकिन इन्हें “जानबूझकर छिपाया गया गबन” नहीं माना गया है बल्कि इन्हें लेखांकन प्रक्रिया में चूक व नियामक अनुपालन-उल्लंघन के रूप में देखा गया है। EOW ने कहा है कि “अब तक फंड चोरी या शेल कंपनियों के माध्यम से निजी लाभ अर्जित करने का कोई सबूत नहीं मिला”।
हालाँकि, मामला पूरी तरह मृत्युशैया पर नहीं है क्योंकि पुलिस ने RBI से सुझाव मांगे हैं, विशेषकर बैंक के हेजिंग ट्रांज़ैक्शन्स और लेखांकन मानदंडों के अनुपालन को लेकर। RBI की अंतिम राय आने के बाद EOW इस प्रारंभिक जांच को बंद कर सकती है या आगे कार्रवाई की दिशा तय कर सकती है।
बैंक ने भी सार्वजनिक रूप से कहा है कि इसकी पूँजी एवं संरचनात्मक स्थिति मजबूत है और कोषीय प्रबंधन में सुधार जारी है। इस विकास से भारतीय बैंकिंग-क्षेत्र में लेखांकन पारदर्शिता व नियामक अनुपालन की चुनौतियाँ फिर सामने आई हैं। - UNA
13 Nov 25मुंबई पुलिस EOW ने IndusInd Bank में धन ग़िरावट का सबूत न पाया, अब Reserve Bank of India की राय का इंतज़ार
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