नई दिल्ली, भारत (UNA) : क्रेडिट-रैटिंग एजेंसी Moody’s Ratings ने बुधवार को अपने नवीनतम ग्लोबल मैक्रो आउटलुक में यह विश्लेषण पेश किया कि भारत की अर्थव्यवस्था आने वाले वर्षों में 6.5 % के लगभग स्थिर वृद्धि-दर पर आगे बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि 2025 में भारत का विकास दर लगभग 7 % रहने की संभावना है, उसके बाद 2026 में 6.4 % और 2027 में 6.5 % तक वापस आने का अनुमान है।
Moody’s ने विशेष रूप से कहा कि “भारत का आर्थिक विकास मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर खर्च और ठोस उपभोग से समर्थित है, हालांकि निजी क्षेत्र अभी बड़े पैमाने पर पूँजी व्यय करने में सतर्क बना हुआ है।” इस प्रकार, सार्वजनिक निवेश और घरेलू मांग अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनी हुई हैं, जबकि निजी व्यय में गति आने में समय लग सकता है।
एजेंसी ने कहा है कि हालांकि वैश्विक चुनौतियाँ — जैसे व्यापार तनाव, भू-राजनीतिक उलझनें और वैश्विक आर्थिक धीमी गति — जोखिम हैं, लेकिन भारत की स्थिति अभी की अपेक्षा बेहतर नजर आ रही है क्योंकि निर्यात विविधीकरण मजबूत हुआ है और मुद्रास्फीति नियंत्रण में है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आर्थिक नीति-निर्धारकों को इस अवसर का लाभ उठाते हुए निवेश-परिस्थिति, उत्पादन-क्षमता व निजी क्षेत्र सक्रियता बढ़ाने पर ज़ोर देना चाहिए।
विश्लेषकों के मुताबिक, इस अनुमान का महत्व इस दृष्टि से है कि भारत को विकास-मॉमेन्टम छोड़ने या गिरने का जोखिम कम दिख रहा है और यह अब सिर्फ विकास दर की चर्चा नहीं बल्कि निवेश-मॉडल परिवर्तन व मांग-उत्थान से जुड़ा मामला बन गया है। - UNA
13 Nov 25इन्फ्रा-खर्च और उपभोग-प्रेरणा से भारत का जीडीपी 2027 तक स्थिर 6.5 % बढ़ाव दर्ज कर सकता हैः Moody’s Ratings
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